21 वर्षीय छात्रा ने 37 साल के युवक के साथ बनाए शारिरिक संबंध, निजी पलों की तस्वीरें फैन ग्रुप में कर दी वायरल, यूनिवर्सिटी ने किया सस्पेंड
punjabkesari.in Thursday, Jul 17, 2025 - 01:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चीन से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक यूनिवर्सिटी ने अपनी 21 वर्षीय छात्रा को विदेशी युवक के साथ शारीरिक संबंध बनाने और उसकी निजी तस्वीरें ऑनलाइन वायरल होने के बाद सस्पेंड कर दिया है। बताया जा रहा है कि 37 वर्षीय यूक्रेनी शख्स ने इन निजी पलों की तस्वीरें अपने फैन ग्रुप में शेयर कर दी थीं, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया। है।
डेलियन पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी ने अपनी एक 21 वर्षीय छात्रा को विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया है, क्योंकि उसका एक यूक्रेनी नागरिक के साथ संबंध सामने आया। यूनिवर्सिटी का आरोप है कि छात्रा के व्यवहार ने "राष्ट्रीय गरिमा को ठेस पहुंचाई" है।
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्रा की मुलाकात एक 37 वर्षीय यूक्रेनी शख्स डेनिलो तेस्लेंको से हुई थी, जो पहले पेशेवर तौर पर वीडियो गेम "काउंटर स्ट्राइक" का खिलाड़ी रह चुका है। दोनों के बीच बीते साल दिसंबर में एक कार्यक्रम के दौरान संपर्क हुआ और बाद में उनका रिश्ता एक निजी स्तर पर आगे बढ़ा।
विवाद क्यों बना?
मामले ने तब तूल पकड़ा जब तेस्लेंको ने कथित रूप से छात्रा के साथ बिताए निजी पलों की तस्वीरें अपने फैन ग्रुप में साझा कर दीं। इसके बाद सोशल मीडिया पर यह मामला फैल गया और विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए छात्रा को "दुर्व्यवहार" के आधार पर निष्कासित करने का निर्णय लिया।
यूनिवर्सिटी प्रशासन के अनुसार, यह फैसला 16 दिसंबर 2024 को ही लिया गया था और 8 जुलाई 2025 को इसकी पुष्टि की गई। छात्रा पर लगाए गए आरोपों में कहा गया कि उसका व्यवहार चीन की सांस्कृतिक और सामाजिक मर्यादाओं के विरुद्ध था।
हालांकि, यूनिवर्सिटी के अपने ही नियमों के अनुसार छात्र को निष्कासित करने के केवल आठ आधार होते हैं — और रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इनमें से कोई भी छात्रा की स्थिति पर सीधे तौर पर लागू नहीं होता। इस कारण यूनिवर्सिटी के फैसले की आलोचना हो रही है।
सामाजिक और कानूनी प्रतिक्रिया
चीन के सोशल मीडिया पर इस फैसले की जमकर आलोचना हो रही है। कई लोगों ने इसे निजी स्वतंत्रता में हस्तक्षेप और लैंगिक भेदभाव करार दिया है। वहीं, छात्रा को कानूनी सलाह लेने और यूनिवर्सिटी के फैसले के खिलाफ अपील करने की सिफारिश की जा रही है। उसे 7 सितंबर 2025 तक अपील का अधिकार दिया गया है।