चीन की रॉकेट फोर्स में बढ़ा भ्रष्टाचार; खतरे में परमाणु मिसाइलों की सुरक्षा, जिनपिंग की युद्ध जीतने की क्षमता पर उठे सवाल
punjabkesari.in Saturday, Dec 28, 2024 - 05:16 PM (IST)

International Desk: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीनी सेना को भ्रष्टाचार से लड़ने और युद्ध जीतने की क्षमता पर ध्यान केंद्रित करने की सख्त चेतावनी दी है। यह बयान चीनी सशस्त्र बलों में बढ़ते भ्रष्टाचार के खतरे की ओर इशारा करता है। राष्ट्रपति शी, जो केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) के अध्यक्ष हैं, ने इसे सेना की युद्ध क्षमता के लिए गंभीर खतरा बताया है। इस महीने चीनी सेना की इन्फॉर्मेशन सपोर्ट फोर्स को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति शी ने कहा कि सेना को "कड़ाई से अनुशासन लागू करना चाहिए"। सरकारी मीडिया चाइना सेंट्रल टेलीविज़न के मुताबिक, शी ने कहा, "सेना को भ्रष्टाचार से लड़ना चाहिए ताकि उसकी निष्ठा, शुद्धता और विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके।" उन्होंने सैनिकों को यह भी याद दिलाया कि "युद्ध लड़ने और जीतने की क्षमता" पर ध्यान देना होगा।
ये भी पढ़ेंः-चीन का अमेरिकी टेलीकॉम पर साइबर अटैक; नौवीं कंपनी बनी शिकार, हैकर्स ने चुराए निजी संदेश और कॉल डेटा
शी जिनपिंग की इस चेतावनी का कारण हाल ही में चीनी नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप हैं। एडमिरल मियू हुआ , जो केंद्रीय सैन्य आयोग के सदस्य हैं, को "गंभीर अनुशासन उल्लंघन" के लिए जांच का सामना करना पड़ रहा है। CNN के अनुसार, मियू न केवल नौसेना के एडमिरल हैं, बल्कि केंद्रीय सैन्य आयोग के *पॉलिटिकल वर्क डिपार्टमेंट के प्रमुख भी हैं। सबसे अहम बात यह है कि मियू राष्ट्रपति शी के करीबी सहयोगी माने जाते हैं। 1990 और 2000 के दशक के शुरुआती समय में, मियू ने फ़ुजियान प्रांत में सेना के राजनीतिक अधिकारी के रूप में काम किया, जहां शी जिनपिंग स्थानीय प्रशासन में पदस्थ थे।
ये भी पढ़ेंः-बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों के अत्याचार जारी, हिंदू महिला की गैंगरेप के बाद जबरन जहर खिला कर हत्या
पिछले साल से राष्ट्रपति शी ने सेना में व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान शुरू किया है। इस अभियान में कई वरिष्ठ अधिकारियों का पतन हुआ है, जिनमें दो पूर्व रक्षा मंत्री वेई फ़ेंघे और ली शांगफू शामिल हैं। दोनों को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से निकाल दिया गया है। जुलाई 2023 से अब तक, लगभग 15 सैन्य और रक्षा उद्योग अधिकारियों को हटाया जा चुका है। भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का मुख्य फोकस रॉकेट फोर्स पर है, जो चीन की परमाणु और मिसाइल शस्त्रागार का प्रबंधन करती है। हाल ही में हुई दो पनडुब्बी दुर्घटनाओं के बाद चीनी नौसेना भी जांच के दायरे में है। दिसंबर 2023 के अंत में, चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने नौ वरिष्ठ अधिकारियों को बिना किसी स्पष्टीकरण के निष्कासित कर दिया। इनमें से चार इक्विपमेंट डेवलपमेंट डिवीजन से थे, जबकि तीन रॉकेट विशेषज्ञ थे। राष्ट्रपति शी ने अपने नववर्ष संबोधन में सेना को भ्रष्टाचार के खिलाफ "लंबी और कठिन लड़ाई" लड़ने की बात कही।
ये भी पढ़ेंः-चीन का अमेरिकी टेलीकॉम पर साइबर अटैक; नौवीं कंपनी बनी शिकार, हैकर्स ने चुराए निजी संदेश और कॉल डेटा
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने बताया कि चीनी रॉकेट फोर्स में मिसाइल ईंधन के गलत प्रबंधन और आईसीबीएम के सिलो ढक्कनों के खराब होने जैसी गंभीर समस्याएं सामने आई हैं। चीन की सेना और रक्षा खरीद प्रणाली में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार आम बात हो गई है। रॉकेट फोर्स को इस भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा नुकसान हुआ है क्योंकि परमाणु मिसाइलों जैसी rarely tested systems में भ्रष्टाचार लंबे समय तक छिपा रह सकता है। रॉकेट फोर्स को उसके विशाल बजट के कारण भ्रष्टाचार का केंद्र माना जाता है। रक्षा उद्योग में बड़े बजट और सरकारी अनुसंधान संस्थानों के एकाधिकार के चलते कई अधिकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, हथियार निर्माताओं के उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तैनात अधिकारियों ने इन कंपनियों से रिश्वत ली है। यह स्थिति चीन के सशस्त्र बलों की विश्वसनीयता और उनकी युद्ध क्षमता के लिए गंभीर खतरा है।