अमेरिका में टेक फर्मों को निशाना बना रहा चीन, ''दीदी'' के बाद 2 और कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू
punjabkesari.in Tuesday, Jul 06, 2021 - 05:46 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः चीन और अमेरिका के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है । चीन सरकार ने अब अमेरिका में सक्रिय टेक कंपनियों पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। चीन की सरकार अमेरिकी शेयर बाजार में सूचीबद्ध चीनी कंपनियों की जांच कर रही है। 'दीदी चुशिंग' कंपनी पर प्रतिबंध लगाने के एक ही दिन बाद चीन ने अमेरिकी शेयर बाजार में सूचीबद्ध 2 और चीनी कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। 'दीदी' के भारी आईपीओ आने के बाद चीन ने कंपनी को मोबाइल ऐप स्टोरों से बैन कर दिया था। अब चीनी सरकार ने अमेरिकी शेयर बाजार में हाल ही में सूचीबद्ध हुई कंपनियों 'फुल ट्रक अलायंस' और 'कानशुन' नाम की कंपनियों के खिलाफ जांच की घोषण कर दी है।
'फुल ट्रक अलायंस' ट्रक भाड़े पर दिलाने वाली कंपनी 'युनमानहान' और 'हुओचेबांग' के विलय से बनी कंपनी है और 'कानशुन' ऑनलाइन नौकरी दिलाने वाली कंपनी 'बॉस शिपिन' की मालिक है। तीनों कंपनियों को जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक नए उपयोगकर्ताओं का पंजीकरण न करने को कहा गया है । चीन की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने कहा है कि जांच का उद्देश्य है राष्ट्रीय डाटा के प्रति किसी भी खतरे को उत्पन्न होने से रोकना, राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और जनहित की रक्षा करना। इस जांच के आदेश देने से कुछ ही घंटों पहले, एजेंसी ने ऐसी ही एक जांच के बाद 'दीदी' को ऐप स्टोरों से हटाने का आदेश दिया था। इस आदेश से कंपनी की आगे बढ़ने की योजनाओं को बड़ा धक्का लगा था। पिछले हफ्ते ही न्यू यॉर्क शेयर बाजार में कंपनी के आईपीओ ने 4.4 अरब डॉलर निवेश आकर्षित किया था।
चीन की मुख्य इंटरनेट कंपनियों का उपभोक्ताओं के बीच काफी प्रभाव है, लेकिन पिछले लगभग एक साल से चीनी सरकार उनके पर कतरने में लगी है। सरकार इन कंपनियों के प्रभाव पर लगाम लगाना चाह रही है और इस क्रम में इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है. इसकी वजह से कंपनियों के आईपीओ विफल हुए हैं और उनके व्यापार को धक्का लगा है। 'दीदी' के उपयोगकर्ताओं की संख्या लगभग 50 करोड़ है। इसके अलावा उसके पास 1.5 करोड़ ड्राइवर भी हैं। लेकिन सरकारी एजेंसी की जांच में सामने आया कि उपयोगकर्ताओं के डाटा को इकठ्ठा करने और उसके इस्तेमाल में नियमों का "गंभीर रूप से उल्लंघन" हुआ है। कंपनी के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के पीछे सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को भी एक कारण बताया। ये एक चीनी तकनीकी कंपनी के खिलाफ काफी असामान्य कार्रवाई है ।
सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने इन कदमों की सराहना करते हुए लिखा है कि ऐसा लगता है कि 'दीदी' के पास उपयोगकर्ताओं के बर्ताव और आदतों पर "बिग डाटा एनालिसिस" करनी की क्षमता है, जिससे जानकारी संबंधित खतरा पैदा हो सकता है। अखबार ने कहा, "हमें किसी भी इंटरनेट कंपनी को चीनी लोगों की निजी जानकारी का ऐसा सुपर डाटाबेस नहीं बनने देना चाहिए जिसमें इतने विस्तार से जानकारी हो जितनी सरकार के पास भी नहीं है। हमें इन कंपनियों को उनकी मर्जी के मुताबिक इस डाटा का उपयोग करने की भी इजाजत नहीं देनी चाहिए। "बता दें कि पिछले साल चीन की सरकारी एजेंसियों ने अलीबाबा की वित्तीय कंपनी ऐंट समूह के रिकॉर्ड तोड़ 34 अरब डॉलर के आईपीओ को भी रुकवा दिया था और उसके बाद कंपनी के खिलाफ एकाधिकार-विरोधी जांच शुरू कर दी थी।