अफगानिस्तान में चीनी नागरिक की गोली मारकर हत्या, ISIS-K ने ली जिम्मेदारी
punjabkesari.in Thursday, Jan 23, 2025 - 11:21 AM (IST)
Kabul: अफगानिस्तान के उत्तरपूर्वी इलाके में तालिबान अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि एक चीनी नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि उसका स्थानीय दुभाषिया सुरक्षित बच गया। इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIS-K) नाम के आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकी समूह ने अपने अमाक मीडिया चैनल पर कहा कि उनके "सैनिकों" ने मशीन गन का इस्तेमाल कर चीनी व्यक्ति को निशाना बनाया। घटना तखार प्रांत की है, जो ताजिकिस्तान की सीमा से लगा हुआ है।
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चीनी नागरिक एक खनन कंपनी में काम कर रहा था और मंगलवार रात अपने दुभाषिए के साथ दश्त-ए-काला जिले की ओर जा रहा था। रास्ते में उनके वाहन पर घात लगाकर हमला किया गया। तखार प्रांत के पुलिस प्रमुख मोहम्मद अकबर ने कहा कि विदेशी यात्रियों को सड़क यात्रा से पहले स्थानीय पुलिस को सूचित करना जरूरी है, लेकिन मृत चीनी नागरिक ने ऐसा नहीं किया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "हम अफगानिस्तान में हुई घटना पर नजर रख रहे हैं और चीनी नागरिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।"
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इससे पहले दिसंबर 2022 में IS-K के आतंकियों ने काबुल के एक होटल पर हमला किया था, जहां चीनी निवेशक अक्सर ठहरते थे। उस हमले में 3 अफगानी नागरिक मारे गए थे और 18 लोग घायल हुए थे, जिनमें 5 चीनी नागरिक भी शामिल थे। तालिबान ने 2021 में सत्ता संभालने के बाद अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने का दावा किया था। हालांकि, IS-K ने तालिबान नेताओं, धार्मिक हस्तियों और अल्पसंख्यक शिया समुदाय को बार-बार निशाना बनाया है।
चीन और अफगानिस्तान के संबंध
- - चीन ने तालिबान शासन को मान्यता देने वाला पहला देश बनने की पहल की और एक राजदूत भी नियुक्त किया।
- - चीन ने अफगानिस्तान के खनन और तेल क्षेत्रों में निवेश कर तालिबान सरकार के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत किए हैं।
- - विश्लेषकों का मानना है कि चीन अफगानिस्तान में सुरक्षा के मद्देनजर तालिबान सरकार के साथ जुड़ाव बढ़ा रहा है, ताकि वहां से आतंकवादी गतिविधियों को रोका जा सके।
- - अफगानिस्तान में चीनी निवेशक तेल और खनन क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
- - ISIS-K के लगातार हमलों के कारण विदेशी निवेशकों और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।