बाइडेन ने जिनपिंग पर की तल्ख टिप्पणी, चीन ने नजरअंदाज कर कह दी बड़ी बात

punjabkesari.in Tuesday, Feb 09, 2021 - 12:36 PM (IST)

बीजिंगः हिंद प्रशांत क्षेत्र हो या कोरोना मुद्दा या फिर ट्रेड अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन में दोनों देशों के बीच तल्खी चरम पर पहुंच गई । चीन को उम्मीद थी कि  नए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के आने से दोनों के बीच संबंधों में सुधार होगा लेकिन बाइडेन की एक टिप्पणी  कि उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग 'लोकतांत्रिक विचारों' के सांचे में ढले नहीं हैं, ने चीन के प्रति उनका नजरिया साफ कर दिया है। हालांकि चीनी राष्ट्रपति  शी जिनपिंग पर टिप्पणी के बाद ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो  नजरअंदाज करते हुए कहा कि दोनों देशों को सहयोग पर ध्यान देना चाहिए और मतभेद दूर करने चाहिए। 

 

 

चीन ने सोमवार को  बाइडेन की टिप्पणी  को नजरअंदाज करते हुए कहा कि दोनों देशों को सहयोग पर ध्यान देना चाहिए और मतभेद दूर करने चाहिए। बाइडेन ने गत शनिवार को एक साक्षात्कार में स्वीकार किया था कि 20 जनवरी को शपथ ग्रहण के बाद से उन्होंने अभी तक राष्ट्रपति शी के साथ बातचीत नहीं की है। बाइडेन ने हालांकि कहा था कि जब वे दोनों अपने-अपने देशों के उपराष्ट्रपति थे तब वे कई मौको पर मिल चुके हैं। बाइडेन ने कहा, ‘‘मैं उन्हें बहुत अच्छी तरह से जानता हूं।''

 

उन्होंने कहा था कि जब वे दोनों मिलेंगे तो उनके पास बात करने के लिए काफी कुछ होगा।'' बाइडेन ने शी चिनफिंग के निरंकुश शासन के तरीके को रेखांकित करते हुए कहा था कि वह लोकतांत्रिक विचारों के सांचे में ढले नहीं हैं। बाइडेन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति शी जिनपिंग का राष्ट्रपति बाइडेन के साथ कई बार सम्पर्क हुआ है। परस्पर समझ और द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए चीन और अमेरिका के बीच हर स्तर पर संवाद बनाए रखना जरूरी है।''

 

उन्होंने कहा, ‘‘चीन अमेरिका के साथ एक ऐसा संबंध विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है जो बिना टकराव वाला, परस्पर सम्मान और सहयोग पर आधारित हो।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस बीच, चीन अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की दृढ़ता से रक्षा करना जारी रखेगा। दोनों पक्षों को सहयोग पर ध्यान देना चाहिए, मतभेद दूर करने चाहिए और चीन-अमेरिका संबंधों के विकास को बढ़ावा देना चाहिए।''  


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Content Writer

Tanuja

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