चीन ने US पर फोड़ा कोरोना उत्पति का ठीकरा, कहा- सभी अमेरिकी जैविक प्रयोगशालाओं की हो जांच
punjabkesari.in Thursday, Jun 17, 2021 - 11:17 AM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः महामारी की उत्पत्ति को लेकर अमेरिका व चीन के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है । पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस संक्रमण के लिए दोषी करार चीन ने अब इसका ठीकरा अमेरिका पर फोड़ दिया है। चीन यह आरोप लगाने की कोशिश में जुट गया है कि कोरोना की शुरुआत वुहान से नहीं अमेरिका से हुई। चीन के प्रमुख महामारी विज्ञानी और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रमुख जेंग गुआंग ने कहा है कि अमेरिका के आधिकारिक तौर पर संक्रमण के मामले की घोषणा से पहले ही वहां के सात राज्यों में करीब पांच लोग कोविड-19 के चपेट में आ चुके थे लेकिन वहां शुरुआत में कोरोना टेस्टिंग की प्रक्रिया काफी धीमी थी।
इससे पहले कई देशों के राजनीतिज्ञों ने चीन के लैब से कोरोना वायरस के लीक होने की संभावना को लेकर जांच पर जोर दिया है। जेंग गुआंग ने कहा कि चीन में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने से करीब एक सप्ताह पहले ही दिसंबर की शुरुआत में इसके करीब पांच मामले अमेरिका के 7 विभिन्न राज्यों में सामने आ चुके थे। उनके मुताबिक दिसंबर 2019 से पहले ही ये वायरस अमेरिका में दूसरी जगहों पर फैल चुका था। जेंग ने यूएस नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ में पब्लिश हुई एक रिसर्च रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अब अगले चरण में कोरोना की उत्पत्ति की जांच का केंद्र अमेरिका होना चाहिए न कि चीन। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक अब इस वायरस की उत्पत्ति को लेकर पूरा ध्यान अमेरिका की तरफ होना चाहिए।
चीन के मुख्य महामारी विशेषज्ञ जेंग गुआंग ने ग्लोबल टाइम्स से बातचीत में बताया कि अब जांच का ध्यान अमेरिका की ओर जाना चाहिए जहां महामारी की शुरुआत में टेस्टिंग की प्रक्रिया काफी धीमी थी और वहां अनेक बायोलॉजिकल लैब हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में मौजूद सभी जैव हथियारों की जांच की जानी चाहिए। मेरिकी अध्ययन को निशाने पर लेते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि यह संभव है कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत कई जगहों से हुई हो और अन्य देशों को भी इसमें WHO का सहयोग करना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि अमेरिका जैविक प्रयोगशालाओं का गढ़ है और अमेरिका के जैव-हथियारों से संबंधित सभी मामले जांच के दायरे में आने चाहिए।
यूएस नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ में छपी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि इस रिपोर्ट से ये साफ हो गया है कि कोविड-19 महामारी का फैलना एक नहीं बल्कि वायरस की कई उत्पत्तियों की वजह से हुआ था। इसलिए सभी देशों को मिलकर इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ सहयोग करना चाहिए। बता दें कि कोविड-19 की उत्पत्ति के मुद्दे पर अमेरिका और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। इस वजह से सभी का ध्यान वुहान के इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पर गया है जहां वर्ष 2019 के अंत में कोरोना का पहला मामला भी सामने आया था।
इसके बाद यहां से ही धीरे-धीरे ये अन्य जगहों पर फैलता चला गया। वाल स्ट्रीट जनरल में जून के शुरुआत में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार की नेशनल लैबोरेट्री की रिपोर्ट में कहा गया था कि काफी हद तक मुमकिन है कि ये वायरस चीन की ही वुहान लैब से लीक हुआ हो। इससे पहले आई रिसर्च रिपोर्ट में इस बात की भी संभावना जताई गई थी कि सितंबर 2019 में ये जानलेवा वायरस यूरोप से दूसरी जगहों पर फैला हो। हालांकि जानकारों का ये भी मानना है कि इसका अर्थ ये नहीं है कि इस वायरस की उत्पत्ति चीन में नहीं हुई हो।
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