कमर दर्द ठीक करने के लिए 82 साल की दादी ने निगल लिए 8 जिंदा मेंढक, हालत देख लोग रह गए हक्के-बक्के

punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 04:58 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। चीन के पूर्वी झेजियांग प्रांत के हांगझोउ शहर से एक बेहद चौंकाने वाली और अजीबोगरीब घटना सामने आई है। यहां 82 साल की एक बुजुर्ग महिला जिनका सरनेम झांग बताया गया है ने अपने कमर दर्द (हर्नियेटेड डिस्क) को ठीक करने के लिए एक ऐसा देसी नुस्खा अपनाया जिसने उन्हें सीधे अस्पताल पहुंचा दिया।

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डॉक्टरों पर नहीं किया भरोसा, खा लिए जिंदा मेंढक

बुजुर्ग महिला झांग लंबे समय से अपनी पीठ के निचले हिस्से के दर्द से परेशान थीं। डॉक्टरों के पास जाने के बजाय उन्होंने किसी से सुना कि जिंदा मेंढक खाने से कमर दर्द में राहत मिलती है। झांग ने अपने परिवार को मेंढक पकड़ने के लिए कहा लेकिन उन्हें अपना असली इरादा नहीं बताया। परिवार द्वारा छोटे मेंढक लाकर दिए जाने पर झांग ने उन्हें पकाने की बजाय जिंदा ही निगल लिया। उन्होंने पहले दिन तीन मेंढक और अगले दिन पांच मेंढक खाए यानी कुल आठ जिंदा मेंढक।

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पेट में हुए असहनीय दर्द से खुली पोल

शुरुआत में झांग को केवल थोड़ा पेट दर्द हुआ लेकिन अगले कुछ दिनों में दर्द इतना असहनीय हो गया कि वह चल भी नहीं पा रही थीं। तेज दर्द की शिकायत होने पर परिवार वालों ने उन्हें तुरंत सितंबर की शुरुआत में अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में महिला के बेटे ने डॉक्टरों को सच बताया कि उनकी माँ ने आठ जिंदा मेंढक खा लिए हैं। डॉक्टरों ने जब जांच और अल्ट्रासाउंड किया तो वे हैरान रह गए। उन्होंने पाया कि झांग के शरीर में कई तरह के खतरनाक परजीवी (Parasites) पनप गए हैं।

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वरिष्ठ डॉक्टर वू झोंगवेन ने बताया कि जिंदा मेंढक निगलने के कारण उनके पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा है और शरीर में स्पारगनम (Sparganum) जैसे परजीवी पाए गए हैं। दो हफ्ते के इलाज के बाद झांग को अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

डॉक्टरों की चेतावनी: देसी नुस्खे हो सकते हैं जानलेवा

डॉक्टर वू झोंगवेन ने चेतावनी दी है कि ऐसे मामले आम हैं जहां कई बुजुर्ग लोग बिना डॉक्टर की सलाह लिए लोक मान्यताओं के झांसे में आकर कच्चे मेंढक, सांप का पित्त या मछली का पित्त खा लेते हैं। उन्होंने साफ किया कि इन उपायों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। इसके विपरीत ये शरीर में परजीवी संक्रमण, आंखों की रोशनी कम होना, दिमागी संक्रमण और यहां तक कि जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकते हैं।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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