कनाडा में बढ़ते जा रहे है पंजाबी लड़कियों के यौन शोषण के मामले, लड़के ड्रग्स का धंधा करने को मजबूर

punjabkesari.in Saturday, Sep 09, 2023 - 02:11 PM (IST)

जालंधर: कनाडा में भारतीय छात्र और छात्राओं के उत्पीड़न के मामले बढ़ते जा रहे हैं। नौकरियों के आभाव में वित्तीय संकट में देश में स्टडी वीजा पर आई पंजाबी लड़कियों के जहां पर यौन शोषण के मामलों में वृद्धि हो रही है, वहीं दूसरी और लड़कों पैसे का लालच देकर ड्रग्स के धंधे में धकेला जा रहा है। इस बात का खुलासा करते हुए  महिला सहायता समूह एल्स्पेथ हेवर्थ सेंटर फॉर वुमेन (ई.एच.सी.एफ.डब्ल्यू.) ने अकाल तख्त के जत्थेदार से मामले में संज्ञान लेने की अपील है। 

 

संगठन का कहना है कि पैसे के आभाव यौण शोषण का शिकार हो रही लड़कियों की वित्तीय सहायता के लिए कनाडा के गुरुद्वारे भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, इसलिए अकाल तख्त को आर्थिक रूप से योगदान करने के लिए विदेशों में गुरुद्वारों की सभी समितियों को एक आदेश जारी करना चाहिए।

 

घंटों के हिसाब से नहीं मिल रही उचित नौकरियां

एक मीडिया रिपोर्ट में ई.एच.सी.एफ.डब्ल्यू. की कार्यकारी निदेशक सुश्री सुंदर सिंह के हवाले से कहा गया है कि वर्तमान में कनाडा में स्टडी वीजा पर आई पंजाबी लड़कियों के यौन शोषण की बढ़ती घटनाओं पर सामाजिक संगठनों को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। उनका कहना है कि हर साल लगभग 5 लाख अंतर्राष्ट्रीय छात्र और छात्राएं विशेषकर पंजाब से कनाडा आते हैं। मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों और रोजगार बाजार में उन्हें घंटों के हिसाब से उचित नौकरियां न मिलने कारण वे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।

 

महंगाई भी बनी शोषण का कारण 

कनाडा के विभिन्न प्रांतों में आवास के किराए आसमान छू रहे हैं, और दूध और फलों सहित किराने के सामान की दरें अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए लगभग अप्राप्य हो गई हैं। यह सब उन्हें विभिन्न प्रकार के शोषण के प्रति संवेदनशील बनाता है। ऐसे हालात लड़कियों को देह व्यापार करने को मजबूर कर रहे हैं और लड़कों को ऐसी परिस्थितियां ड्रग्स के धंधे की ओर आकर्षित कर रही हैं।

 

तीन गुणा हुई पीड़ित लड़कियों की संख्या

सुश्री सुंदर सिंह का कहना है कि कनाडा में गुरुद्वारा समितियों को संकट में फंसे छात्रों की मदद करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। सुश्री सिंह ने खुलासा किया कि 2017 में लड़कियों से 1,500 से अधिक संकटपूर्ण कॉल प्राप्त हुई थी, जबकि 2022 तक यह संख्या तीन गुना बढ़ गई। 

 

वीडियो बना कर किया जाता है ब्लैकमेल

सुश्री सिंह ने स्टडी वीजा पर कनाडा आने वाली लड़कियों को सलाह दी है कि उन्हें नए परिचितों से वित्तीय मदद स्वीकार नहीं करनी चाहिए और न ही अपने बैंक विवरण और पते उनके साथ साझा करने चाहिए। ऐसे कई उदाहरण हैं जब लड़कियों के नए परिचित उन्हें वित्तीय सहायता देने के बाद अन्य दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए मजबूर करते हैं। लड़कियों की आपत्तिजनक मुद्रा में चुपचाप वीडियो बना लिए जाते है और उनके जीवन को खतरे में डालते हुए उन्हें ब्लैकमेल किया जाता है।

 

आव्रजन सलाहकार भी पेश करते हैं गलत तस्वीर

सुश्री सिंह के अनुसार, भारतीय माता-पिता को अपने बच्चों को तब तक कनाडा नहीं भेजना चाहिए जब तक वे स्नातक और पर्याप्त परिपक्व न हों, क्योंकि यहां जीवन आसान नहीं है। भारत में आव्रजन सलाहकार ग्राहकों को कनाडा में उनके लिए बेहद समृद्ध जीवन की पेशकश करके लुभाते हैं। जिन लोगों के मददगार रिश्तेदार कनाडा में बस गए हैं, उनके मामले में स्थिति कुछ अलग हो सकती है।

 

अकाल तख्त जत्थेदार लें संज्ञान

सुश्री सिंह ने कहा कि हमने कुछ साल पहले कुछ गुरुद्वारों से संपर्क कर उनसे अपने विशाल वित्तीय संसाधनों से हमारे प्रयासों में योगदान देने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। वह इस सुझाव पर सहमत हुईं कि पंजाबी छात्रों की दुर्दशा को अकाल तख्त जत्थेदार के संज्ञान में लाने की जरूरत है।

 

गर्भपात करवाने वाली छात्राओं की संख्या बढ़ी

एक रिपोर्ट के मुताबिक गर्भपात करवाने वाली छात्राओं की संख्या में वृद्धि की भी खबरें हैं। यह भी एक ज्ञात तथ्य है कि बहुत से छात्राएं अपने खर्च का भुगतान करने के लिए स्वेच्छा से देह व्यापार में प्रवेश कर रही हैं। समस्या यह भी है कि इनमें से अधिकतर लड़कियां अपने जीवन में पहली बार अपने परिवार से दूर हैं और वे स्वतंत्र महसूस करती हैं।

 

स्वेच्छा से देह व्यापार की ये भी है वजह 

पूर्व में दिए गए एक साक्षात्कार में सुश्री सुंदर सिंह ने इस बात का भी उललेख किया था कि माता-पिता चाहते हैं कि उनकी बेटी किसी तरह कनाडा में आ जाए ताकि एक दिन वह पूरे परिवार को कनाडा आने के लिए प्रायोजित कर सके। वे इनके प्रथम वर्ष की फीस और यात्रा के शुरुआती खर्चों का भुगतान करते हैं। इसके बाद इन लड़कियों को कनाडा में खुद को संभालने के लिए छोड़ देते हैं। सुश्री सिंह का तर्क है कि स्वेच्छा से देह व्यापार करने का यह एक बड़ा कारण है।

 

संस्था मुहैया करवा रही नौकरियां 

सुश्री सुंदर सिंह ने बताया कि उनकी संस्था कनाडाई पुलिस और अन्य सरकारी निकायों के साथ मिलकर यौन उत्पीड़न की शिकार लड़कियों के लिए उपयुक्त नौकरियों और आवास की व्यवस्था करने करने का प्रयास करती हैं। यदि ई.एच.सी.एफ.डब्ल्यू. फील्ड कार्यालयों में रिक्तियां हैं, तो कठिनाइयों का सामना करने वाली लड़कियों को प्राथमिकता दी जाती है।
 


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Content Writer

Seema Sharma

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