हिंदू- मंदिरों में तोड़फोड़ के मामले पर कनाडा राजनेताओं ने तोड़ी चुप्पी, प्रधानमंत्री को एक्शन लेने की कही बात
punjabkesari.in Thursday, Nov 30, 2023 - 02:38 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: खालिस्तान आंदोलन को लेकर पिछले दिनों कनाडा और भारत के बीच काफी विवाद रहा। इस विवाद के चलते आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा कनाडा में लगातार भारत विरोधी बढ़ रही गतिविधियों को लेकर वहां के राजनेताओं द्वारा नाराज़गी जताई गई है। वहीं अलग- अलग हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ के लिए खालिस्तान समर्थक तत्वों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने पर निराशा व्यक्त करते हुए, कनाडा-इंडिया फाउंडेशन ने देश के राजनेताओं से अपनी चुप्पी तोड़ने और बहुत देर होने से पहले इन कट्टरपंथियों पर लगाम लगाने को कहा है।
भारतीय-कनाडाई वकालत संस्था ने राजनेताओं को लिखे पत्र में कहा है: “हिंसा-प्रवण चरमपंथियों के एक समूह द्वारा हमारे समुदाय को जारी की गई धमकियों ने हाल ही में खतरनाक आयाम ले लिया है। ऐसे ही एक स्वयंभू चरमपंथी नेता ने कनाडाई लोगों को नवंबर के महीने में एयर इंडिया से यात्रा न करने की चेतावनी जारी की।”पत्र में हैरान करने वाली बात यह है कि राजनेताओं और मीडिया ने इस खतरे को क्यों नजरअंदाज कर दिया है।
संस्था ने अपने पत्र में लिखा कि “हम और भी अधिक निराश हैं कि हमारे राजनीतिक नेताओं ने इस गंभीर मुद्दे पर पूरी तरह से चुप्पी बनाए रखी है। आतंकवाद और खतरों से निपटने का यह चयनात्मक दृष्टिकोण इस दुनिया को एक सुरक्षित जगह नहीं बनाएगा।''
बीते दिनों मिसिसॉगा में राम मंदिर, रिचमंड हिल में विष्णु मंदिर, टोरंटो में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर, सरे में लक्ष्मी नारायण मंदिर में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। कनाडा इंडिया फाउंडेशन ने कहा कि “हमने तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री को अलग से लिखा है… और ऐसे समूह जो हिंसक एजेंडे वाले लोगों के साथ बच्चों जैसा व्यवहार नहीं किया जाता है।''
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारतीय खूफिया ऐजेंसियों पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया गया था। आरोप के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में एक कड़वाहट आई थी। हालांकि इसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हुआ है।