कनाडा ने UNGA में उठाया हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मुद्दा: 'अपनी धरती पर विदेशी हस्तक्षेप से चिंतित'

punjabkesari.in Wednesday, Sep 27, 2023 - 03:10 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत और कनाडा के बीच विवाद जारी है। इस बीच मंगलवार (26 सितंबर) को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद और विदेशी दखल जैसे मुद्दों पर परोक्ष रूप से चीन समेत कनाडा को नसीहत दी।

इसी मंच पर कनाडाई दूत बॉब राय ने कहा कि उनके देश ने देखा हैं कि विदेशी हस्तक्षेप के कारण लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए संबंधों को बताते हुए देश के नियमों को मोड़ नहीं जा सकता है।

कनाडाई दूत बॉब राय ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान कहा, ''जैसा कि हम समानता पर बहुत जोर देते हैं, हमें स्वतंत्र और लोकतांत्रिक समाज के मूल्यों को भी कायम रखना है। राजनीतिक लाभ के लिए संबंधों को जाहिर करते हुए हम देश के नियमों को नहीं मोड़ सकते हैं क्योंकि हमने देखा है और देखना जारी रखा है कि विदेशी हस्तक्षेप के विभिन्न माध्यमों से लोकतंत्र किस हद तक खतरे में है लेकिन सच्चाई यह है कि अगर हम उन नियमों का पालन नहीं करते हैं जिन पर हम सहमत हैं तो हम खुले और स्वतंत्र समाज का ताना-बाना तोड़ने लगते हैं...'' 

जयशंकर ने कनाडा पर तंज कसा
इससे पहले भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया तय करने में ‘राजनीतिक सहूलियत' को आड़े नहीं आने देने का आह्वान किया। यह बयान एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या को लेकर जारी कूटनीतिक गतिरोध के बीच कनाडा पर परोक्ष प्रहार प्रतीत होता है। 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78वें सत्र की आम बहस को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान और अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप की कवायद चुनिंदा तरीके से नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि वे दिन बीत गए, जब कुछ राष्ट्र एजेंडा तय करते थे और उम्मीद करते थे कि दूसरे भी उनकी बातें मान लें। 

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमें टीका भेदभाव जैस अन्याय फिर नहीं होने देना चाहिए। जलवायु कार्रवाई भी ऐतिहासिक जिम्मेदारियों से मुंह फेरकर जारी नहीं रह सकती है। खाद्य एवं ऊर्जा को जरूरतमंदों के हाथों से निकालकर धनवान लोगों तक पहुंचाने के लिए बाजार की ताकत का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘न ही हमें ऐसा करना चाहिए कि राजनीतिक सहूलियत आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर प्रतिक्रया तय करे। क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान और अंदरूनी मामलों में गैर-हस्तक्षेप की कवायद चुनिंदा तरीके से नहीं की जा सकती।'' 

विदेश मंत्री का इशारा परोक्ष रूप से अमेरिका की तरफ था, जिसने सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कथित रूप से कनाडा को खुफिया सूचना उपलब्ध कराई थी। राजनीतिक सहूलियत संबंधी जयशंकर की टिप्पणी कनाडा के संदर्भ में प्रतीत होती है, जिसके प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल में अपने देश में एक खालिस्तानी चरमपंथी नेता की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित' संलिप्तता का आरोप लगाया था। भारत ने उनके बयान को ‘बकवास' एवं ‘राजनीति से प्रेरित' करार दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदर बागची ने पिछले सप्ताह कहा था, ‘‘उन्होंने (कनाडा सरकार ने) आरोप लगाए हैं। हमारे लिए ऐसा जान पड़ता है कि कनाडा सरकार के ये आरोप प्राथमिक तौर पर राजनीति से प्रेरित हैं।''

कनाडा में सिखों की आबादी 7,70,000 है, जो देश की कुल जनसंख्या का दो प्रतिशत है। वहां सिख एक अहम वोट बैंक समझे जाते हैं। जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘हमारी चर्चाओं में, हम अक्सर नियम आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने की वकालत करते हैं। समय-समय पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रति सम्मान की भी बात भी उठाई जाती है। लेकिन इन सभी चर्चाओं के लिए, अब भी कुछ देश हैं, जो एजेंडा तय करते हैं और नियमों को परिभाषित करते हैं। यह अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता। ऐसा भी नहीं है कि इसे चुनौती नहीं दी जा सकती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘एक बार हम सभी अपना दिमाग इस पर लगाएं, तो निश्चित ही निष्पक्ष, समान एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था उभरकर सामने आएगी।'' 


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Content Writer

Pardeep

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