कैलिफोर्निया ने बदला पर्यावरण कानून! आवास संकट के दबाव में बदले 50 साल पुराने नियम
punjabkesari.in Thursday, Jul 03, 2025 - 04:00 PM (IST)

Washington: अमेरिका में कैलिफोर्निया सरकार ने सोमवार को अपने दशकों पुराने पर्यावरणीय कानून में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए कई विकास परियोजनाओं को पर्यावरणीय समीक्षा से छूट देने का फैसला किया है। यह कानून जो कभी अमेरिका में पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक माना जाता था, अब इसे राज्य में गहराते आवास संकट और बेघर लोगों की समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराया जाने लगा था।
क्या था पुराना कानून CEQA?
यह कानून कैलिफोर्निया पर्यावरण गुणवत्ता अधिनियम (CEQA) पिछले 50 वर्षों से पर्यावरणविदों को उपनगरीय विस्तार को धीमा करने और विभिन्न निर्माण परियोजनाओं को कानूनी रूप से रोकने का अधिकार देता था। लेकिन अब इस कानून को कुछ हद तक कमजोर करते हुए, राज्यपाल गैविन न्यूज़म ने दो विधेयकों पर हस्ताक्षर किए जो डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा प्रस्तुत किए गए थे और जिन्हें दलों की सीमाएं लांघकर द्विदलीय समर्थन मिला।
क्या होगा अब बदलाव के बाद?
- कई निर्माण परियोजनाओं को अब सख्त पर्यावरणीय समीक्षा से राहत मिलेगी।
- इससे लंबी कानूनी प्रक्रिया, देरी और बढ़ती लागत से बचा जा सकेगा।
- इसके ज़रिये आवास निर्माण की गति को तेज़ करने का प्रयास होगा।
टकराव की राजनीति
डेमोक्रेट्स, जो वर्षों से इस कानून को "पर्यावरण का आधार स्तंभ" मानते थे, अब इसे बदलने को मजबूर हो गए हैं।राज्य में लगभग 4 करोड़ लोगों के लिए पर्याप्त आवास बनाना एक बड़ी चुनौती बन चुका है। महंगे घर, किराया और बेघर लोगों की संख्या में भारी वृद्धि ने सरकार पर दबाव बढ़ाया।गवर्नर न्यूज़म ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा "अगर हम इस मुद्दे का समाधान नहीं करेंगे तो जनता का भरोसा उठ जाएगा और यह कड़वी सच्चाई है।"
2028 की तैयारी
- गैविन न्यूज़म अपने दूसरे और अंतिम कार्यकाल के अंत की ओर बढ़ रहे हैं।
- 2018 के चुनाव में उन्होंने और बेघर लोगों की समस्या को मुख्य मुद्दा बनाया था, लेकिन प्रगति बेहद सीमित रही है।
- राज्य में बेघर शिविरों की बढ़ती संख्या और आबादी में गिरावट के कारण उनकी आलोचना भी हो रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि न्यूज़म 2028 में राष्ट्रपति पद की दौड़ में उतर सकते हैं, और ऐसे में जेब से जुड़े मुद्दों पर कार्य करना उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है।कैलिफोर्निया में यह बदलाव केवल कानून में संशोधन नहीं, बल्कि पर्यावरण और सामाजिक जरूरतों के बीच संतुलन की कोशिश है। अब देखना यह होगा कि क्या यह निर्णय वास्तव में राज्य के आवास संकट को हल कर पाएगा या पर्यावरणीय जोखिम और बढ़ेंगे।
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