बुर्किना फासो में खूनी हमला: अल-कायदा से जुड़े आतंकियों ने 200 सैनिकों को उतारा मौत के घाट
punjabkesari.in Friday, May 16, 2025 - 12:57 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। पश्चिमी अफ्रीकी देश बुर्किना फासो में आतंकवाद का बढ़ता खतरा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अल-कायदा से जुड़े आतंकी संगठन जामा नुसरत उल-इस्लाम वा अल-मुस्लिमीन – जेएनआईएम (JNIM) ने गुरुवार को एक बड़ा दावा किया है। संगठन ने कहा है कि उसके लड़ाकों ने जिबो शहर में सेना के एक ठिकाने पर हमला करके 200 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया है। पहले इस हमले में 60 सैनिकों के मारे जाने की खबर थी लेकिन अब आतंकी संगठन ने मृतकों का आंकड़ा तीन गुना से भी ज्यादा बढ़ा दिया है।
आतंकी संगठन के अनुसार जिबो शहर में सेना के ठिकाने के साथ-साथ एक पुलिस स्टेशन और एक बाजार को भी निशाना बनाया गया था। इस हमले की भीषणता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पास के एक अस्पताल को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
पहले भी हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है JNIM
यह पहली बार नहीं है जब जेएनआईएम ने बुर्किना फासो में किसी बड़े आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। यह संगठन पहले भी देश में हुए कई घातक हमलों में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर चुका है। जिबो शहर में स्थित सेना का यह ठिकाना भी पहले कई बार आतंकियों के निशाने पर रहा है।
सैन्य शासन के साये में बुर्किना फासो
बुर्किना फासो में वर्तमान में कोई चुनी हुई सरकार नहीं है बल्कि सेना का शासन है। यहां की सेना को जुंटा भी कहा जाता है। साल 2022 में सेना ने तख्तापलट करते हुए तत्कालीन सरकार से सत्ता छीन ली थी और तब से देश में सैन्य शासन कायम है। पिछले साल ही इस सैन्य शासन की अवधि को 2029 तक बढ़ाने का विवादास्पद फैसला लिया गया था। ऐसे में देश में पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है और आतंकी हमलों ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है।
जेएनआईएम का यह दावा बुर्किना फासो में सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति को दर्शाता है और सैन्य शासन के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करता है। हालांकि अभी तक बुर्किना फासो की सरकार या सेना की ओर से इस दावे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।