Bermuda Triangle: 20 प्लेन और 50 जहाज समंदर में हो गए गायब!  सुलझ गया बरमूडा ट्राएंगल का रहस्य

punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 12:23 PM (IST)

नेशनल डेस्क: समंदर की लहरें न सिर्फ शांत और सुंदर होती हैं, बल्कि कई बार अपने भीतर ऐसे रहस्य भी छुपाए होती हैं जो विज्ञान तक को चौंका देते हैं। बरमूडा ट्रायंगल और बास स्ट्रेट ट्रायंगल – ये दो नाम दशकों से दुनिया के सबसे बड़े रहस्यों में गिने जाते हैं। जहां एक ओर बरमूडा ट्रायंगल अमेरिका के फ्लोरिडा, बरमूडा और ग्रेटर एंटिलीज़ के बीच फैला एक रहस्यमयी इलाका है, वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया के तस्मान सागर में मौजूद बास स्ट्रेट ट्रायंगल अपने अनसुलझे हादसों के लिए कुख्यात रहा है।

 बरमूडा ट्रायंगल: विज्ञान बनाम साजिश
बरमूडा ट्रायंगल की कहानियां सिर्फ किताबों और फिल्मों तक सीमित नहीं हैं – यह वो इलाका है जहां आज भी 50 से ज्यादा जहाज और 20 से अधिक विमान रहस्यमयी परिस्थितियों में गायब हो चुके हैं। सबसे मशहूर मामला 1945 का "फ्लाइट 19" है – अमेरिकी नौसेना के पांच बमवर्षक विमान अचानक रडार से गायब हो गए थे। कोई चेतावनी नहीं, कोई सिग्नल नहीं, और आज तक उनका कोई पता नहीं चल सका।

क्या है इसके पीछे की वजह?
हालांकि कई थ्योरीज दी जाती रही हैं – जैसे समुद्री राक्षसों का हमला, एलियंस द्वारा अपहरण, या फिर अटलांटिस जैसी लुप्त सभ्यताओं का प्रभाव – लेकिन वैज्ञानिक नजरिए से इन घटनाओं की व्याख्या अधिक तर्कसंगत है। अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में अक्सर तेज मौसम परिवर्तन, गलत नेविगेशन और भू-चुंबकीय विसंगतियां दुर्घटनाओं की मुख्य वजह रही हैं। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने 2010 में स्पष्ट किया था कि बरमूडा ट्रायंगल में दुर्घटनाओं की दर, दुनिया के अन्य हिस्सों के मुकाबले अलग नहीं है। लंदन स्थित बीमा कंपनी लॉयड्स भी 1970 से इसे सामान्य ट्रैफिक और खराब मौसम से जुड़ा क्षेत्र मानती रही है।

बास स्ट्रेट ट्रायंगल: ऑस्ट्रेलिया का रहस्यमयी इलाका
बरमूडा की तरह ही ऑस्ट्रेलिया और तस्मानिया के बीच मौजूद बास स्ट्रेट ट्रायंगल भी कई दशकों से अनसुलझी घटनाओं का गवाह रहा है। ये समुद्री गलियारा अक्सर जहाजों और विमानों के अचानक गायब होने की खबरों से सुर्खियों में रहा है।

कुछ हैरान कर देने वाले मामले:
1978:
20 वर्षीय पायलट फ्रेडरिक वैलेंटिच एक हल्के विमान से उड़ान पर था जब उसने रेडियो पर एक 'धातु की चमकदार वस्तु' के बारे में बताया। फिर उसका रेडियो सिग्नल टूट गया – और फिर वो कभी नहीं मिला।'

1973: मालवाहक जहाज एमवी ब्लाइथ स्टार बिना किसी अलर्ट के गायब हो गया। बाद में इसके कुछ क्रू सदस्य तो बच निकले, लेकिन घटना के रहस्य ने इस इलाके की खतरनाक छवि को और मजबूत किया।

1838-1840: केवल 2 वर्षों में 7 जहाज गायब हुए, जिनमें से सिर्फ तीन के अवशेष मिले।

1858: ब्रिटिश युद्धपोत HMS सैफो, जिसमें 100 से अधिक लोग सवार थे, बिना किसी संकेत के लापता हो गया।

1920: जहाज अमेलिया जे के साथ-साथ उसे खोजने निकला साउदर्न क्रॉस और एक सैन्य विमान भी गायब हो गए।

एक ब्रिटिश डॉक्यूमेंट्री ‘सीक्रेट्स ऑफ द बरमूडा ट्राएंगल’, जो चैनल 5 पर प्रसारित हुई, में खनिज विज्ञानी निक हचिंग्स ने एक दिलचस्प खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि बरमूडा दरअसल एक समुद्री पहाड़ है, जो कि एक प्राचीन ज्वालामुखी का हिस्सा रहा है। निक के अनुसार, यह ज्वालामुखी करीब 3 करोड़ साल पहले समुद्र की सतह से ऊपर था, लेकिन समय के साथ इसका ऊपरी हिस्सा ढह गया। इसके बावजूद, ज्वालामुखी का मुख्य ढांचा समुद्र के अंदर आज भी मौजूद है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहां की चट्टानों में एक बेहद खास खनिज पाया गया है -- मैग्नेटाइट, जो पृथ्वी पर मिलने वाले सबसे शक्तिशाली प्राकृतिक चुंबकीय तत्वों में से एक है।

चुंबकीय शक्तियों का असर?
मैग्नेटाइट की उपस्थिति यह संकेत देती है कि इस क्षेत्र में कंपास और नेविगेशन उपकरणों में गड़बड़ी का कारण यही शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र हो सकता है। यह कई वैज्ञानिकों के उस अनुमान को मजबूत करता है जिसमें कहा गया है कि बरमूडा ट्राएंगल में विमानों और जहाज़ों की दिशा भ्रमित होने का एक बड़ा कारण चुंबकीय असामान्यता हो सकता है।

विज्ञान की राय क्या कहती है?
बास स्ट्रेट ट्रायंगल में भी घटनाओं की जड़ में प्राकृतिक तत्व माने जाते हैं:
-तेज़ और अप्रत्याशित हवाएं
-कम गहराई वाला समुद्र जो नेविगेशन में बाधा डालता है
-भारी ट्रैफिक और अनुभवहीन चालक

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों का मानना है कि एलियन या राक्षस से जुड़ी कहानियां रोमांचक जरूर हैं, लेकिन इन रहस्यों के पीछे प्राकृतिक और मानवीय कारण ज्यादा ज़िम्मेदार हैं।


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Content Writer

Anu Malhotra

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