इस देश ने खोला नौकरियों का पिटारा, पाकिस्तान के 1.5 लाख युवाओं को मिलेगा विदेश में रोजगार !
punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 06:27 PM (IST)

Islamabad: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि बेलारूस ने करीब 1.5 लाख पाकिस्तानी नागरिकों को रोजगार देने की पेशकश की है। शहबाज शरीफ ने इसे "पाकिस्तानी जनता के लिए एक उपहार" करार दिया। यह प्रस्ताव दोनों देशों के बीच तेजी से बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों का प्रतीक माना जा रहा है, जो व्यापार, कृषि, रक्षा और तकनीकी सहयोग जैसे क्षेत्रों में लगातार गहराते जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के बीच मिन्स्क में हुई एक अहम बैठक में यह समझौता हुआ।
बेलारूस ने पाकिस्तानी युवाओं को मुख्यतः निर्माण, औद्योगिक संयंत्रों, कृषि और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में काम देने का प्रस्ताव रखा है। यह पेशकश ऐसे समय आई है जब बेलारूस, यूक्रेन युद्ध के चलते पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का सामना कर रहा है और उसे नई मैनपावर और व्यापारिक साझेदारों की तलाश है। पाकिस्तान, जो इस वक्त आर्थिक संकट और विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी से जूझ रहा है, इस मौके को "सोने पर सुहागा" मान रहा है। इससे दो बड़े फायदे हो सकते हैं। एक, पाकिस्तान की रेमिटेंस (विदेशी मुद्रा) में इजाफा होगा और दूसरा, देश के बेरोजगार युवाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय अवसरों के द्वार खुलेंगे।
यूक्रेन युद्ध के चलते रूस और बेलारूस पर पश्चिमी वीजा पाबंदियां लगी हुई हैं। इससे उनके घरेलू लेबर मार्केट पर भारी दबाव पड़ा है। निर्माण, खेती और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों में कुशल श्रमिकों की भारी मांग है। पाकिस्तानी वर्कर्स कम मेहनताना पर काम करने को तैयार हैं, जो बेलारूस के लिए बेहद फायदेमंद है। हाल के वर्षों में पाकिस्तान और बेलारूस के बीच संबंधों में उल्लेखनीय गहराई आई है। 2021 में दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ताएं हुई थीं। रक्षा क्षेत्र में भी शुरुआती स्तर पर बातचीत शुरू हुई है, हालांकि अभी तक कोई बड़ी डील नहीं हुई। बेलारूस ने पाकिस्तान को आईटी, फार्मास्युटिकल और कृषि तकनीक के क्षेत्र में सहयोग देने की इच्छा भी जताई है।
बेलारूस रूस और चीन का रणनीतिक सहयोगी है और पाकिस्तान को "एशिया का प्रवेशद्वार" मानता है। चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत CPEC में पाकिस्तान की भूमिका भी बेलारूस को आकर्षित कर रही है। हालांकि, बेलारूस के घरेलू कानून काफी सख्त हैं और मानवाधिकारों को लेकर वैश्विक चिंता भी बनी रहती है। पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके नागरिक वहां किसी प्रकार के शोषण या अधिकार हनन का शिकार न हों। सऊदी अरब और खाड़ी देशों की तरह अब पाकिस्तान, यूरोपीय क्षेत्र में भी अपनी वर्कफोर्स भेजने की कोशिश कर रहा है जो आर्थिक मोर्चे पर एक बड़ा रणनीतिक कदम साबित हो सकता है।