बांग्लादेश HC ने नहीं बदला फैसलाः 'साथी' की पीटकर हत्या के मामले में 20 छात्रों को मिलेगी मौत की सजा (Video)
punjabkesari.in Sunday, Mar 16, 2025 - 07:03 PM (IST)

Dhaka: बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने रविवार को एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के 20 छात्रों को मृत्युदंड देने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। निचली अदालत आरोपी छात्रों को यह सजा 2019 में कथित राजनीतिक संबद्धता के कारण दूसरे वर्ष के एक छात्र की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में सुनाई थी। अदालत के अधिकारियों ने बताया कि न्यायमूर्ति ए.के.एम. असदुज्जमां और न्यायमूर्ति सैयद इनायत हुसैन की पीठ ने मृत्युदंड की सजा की अनिवार्य पुष्टि और निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दोषियों की अपील पर सुनवाई पूरी करते हुए एक साथ फैसला सुनाया।
BREAKING The High Court has upheld the trial court's verdict in the Abrar Fahad murder case, sentencing 20 BUET students to death and 5 others to life imprisonment.
— Shakil Shakawat (@ShakilSobohan) March 16, 2025
Abrar's killing was allegedly linked to his social media post criticizing a Bangladesh-India Teesta deal right… pic.twitter.com/qxnpjUE9wu
अधिकारियों के मुताबिक सभी दोषी बांग्लादेश इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (बीयूईटी) के छात्र थे तथा अब भंग की जा चुकी बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) से जुड़े थे। बीसीएल अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की छात्र शाखा थी। आरोपियों ने सात अक्टूबर 2019 को बीयूईटी के इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के द्वितीय वर्ष के छात्र अबरार फहद की सरकार की आलोचना करने वाली एक फेसबुक पोस्ट के कारण हत्या कर दी थी। अधिकारियों के मुताबिक अगली सुबह फहद की क्षत-विक्षत लाश उसके विश्वविद्यालय छात्रावास कक्ष में मिली। बाद में जांच में पता चला कि उसे 25 साथी छात्रों ने क्रिकेट बैट और अन्य कुंद वस्तुओं से लगभग छह घंटे तक पीटा था।
फहाद की हत्या के बाद बीयूईटी और बीसीएल दोनों ने इन आरोपी छात्रों को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया था। ढाका की एक अदालत ने आठ दिसंबर 2021 को 20 दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी। उस समय अवामी लीग सत्ता में थी। अटॉर्नी जनरल एम. असदुज्जमान ने बताया कि 20 छात्रों की मौत की सजा बरकरार रखने के अलावा, ‘‘अदालत ने अन्य पांच दोषियों की आजीवन कारावास की सजा भी बरकरार रखी।'' उन्होंने बताया कि ये भी बीयूईटी के छात्र थे। फहद के पिता ने उच्च न्यायालय के फैसले के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय के फैसले से संतुष्ट हैं। लेकिन इसपर शीघ्र अमल किया जाना चाहिए।''