बांग्लादेश संकट: NCP रैली में बवाल, गोपालगंज में हिंसा में 14 गिरफ्तार
punjabkesari.in Thursday, Jul 17, 2025 - 07:20 PM (IST)

International Desk: बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के गृहनगर गोपालगंज में हुई झड़पों में चार लोगों की मौत के बाद 14 लोगों को हिरासत में लिया गया है। सैन्य टुकड़ियों, अर्धसैनिक बलों और पुलिस ने बृहस्पतिवार को गोपालगंज में 22 घंटे का कर्फ्यू सुनिश्चित करने के लिए गश्त की। अधिकारियों ने बताया कि युद्ध के लिए तैयार सैन्य वर्दी पहने और बख्तरबंद वाहनों में लाल झंडे लहराते हुए सैनिक दक्षिण-पश्चिमी गोपालगंज कस्बे में गश्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार की हिंसा के बाद निवासियों को घरों के अंदर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और वाहन सड़कों से नदारद रहे।
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उन्होंने बताया कि नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) की रैली के दौरान हुई झड़पों में चार लोग मारे गए। NCP के नियोजित मार्च से पहले मजीबुर्रहमान की बेटी और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के सैकड़ों समर्थकों की पुलिस से झड़प के बाद हिंसा हुई थी। ढाका से लगभग 160 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित कस्बे से एक स्थानीय पत्रकार ने फोन पर बताया कि गोपालगंज में स्थिति तनावपूर्ण है। पुलिस ने बताया कि उसने हिंसक झड़पों में कथित संलिप्तता के लिए अब तक 14 लोगों को हिरासत में लिया है, लेकिन इस घटना में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। स्थानीय मीडिया ने गोपालगंज सदर पुलिस थाने के निरीक्षक (जांच) अब्दुल्ला अल मामून के हवाले से कहा, ‘‘संयुक्त बलों ने 14 व्यक्तियों को हमें सौंप दिया।''
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उन्होंने कहा कि मामले दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के कार्यालय ने कहा कि गोपालगंज में बुधवार रात आठ बजे से 22 घंटे का कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि एनसीपी पर हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। एनसीपी, ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' (SAD) समूह की एक शाखा के रूप में उभरी है, जिसने पिछले साल हिंसक प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था और अंततः पांच अगस्त, 2024 को हसीना के 16 साल के अवामी लीग शासन को उखाड़ फेंका था। इस बीच, अंतरिम सरकार ने गोपालगंज हिंसा की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी। एनसीपी संयोजक नाहिद इस्लाम ने बृहस्पतिवार को फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम गोपालगंज और पूरे बांग्लादेश को आतंकवाद और फासीवाद से मुक्त कराएंगे।'' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एनसीपी की मांग के बावजूद, अवामी लीग और उसकी छात्र शाखा, ‘छात्र लीग' के लोगों की ‘‘बड़े पैमाने पर'' गिरफ्तारी नहीं की गई और गिरफ्तार किए गए लोगों में से कई को अदालत से जमानत मिल गई या वे पुलिस थानों से फरार हो गये।