प्रशांत द्वीपों में चीन का प्रभाव कम करने को वचनबद्ध हैं आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड

punjabkesari.in Monday, Jun 13, 2022 - 01:52 PM (IST)

कैनबेरा: प्रशांत द्वीपों में चीन के लागातार बढ़ रहे प्रभाव को लेकर आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने अपनी नीतियां स्पष्ट की हैं। हाल ही में न्यूजीलैड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने आस्ट्रेलिया में सत्ता परिवर्तन के बाद के दौरा किया है। आस्ट्रलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने इस मुलाकात के बाद स्पष्ट किया है कि दोनों देश प्रशांत द्वीपों के प्रति अपनी नीतियों को लेकर कदम मिलाकर चल रहे हैं, जहां चीन का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है।  

 

दोनों देशों के बेहतर होंगे द्विपक्षीय संबंध
एंथनी अल्बानीज के 21 मई को ऑस्ट्रेलिया का प्रधानमंत्री बनने के बाद न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करने वाली पहली विदेशी नेता हैं। अर्डर्न ने लगभग एक दशक बाद अल्बानीज की लेबर पार्टी के सत्ता में आने को द्विपक्षीय संबंधों के लिए अच्छा बताया। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका ने सोलोमन द्वीप के साथ बीजिंग के नए सुरक्षा करार पर चिंता जताई है और कहा है कि इससे वहां चीन का एक सैन्य अड्डा स्थापित हो सकता है। हालांकि, सोलोमन द्वीप और चीन, दोनों ने इसकी संभावना से इनकार किया है।

 

प्रशांत द्वीपों पर हवाई अड्डे बनाना चाहता है चीन
चीन अपने हवाई अड्डे प्रशांत द्वीपों स्थापित करना चाहता है। इसके बदले में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने दक्षिण प्रशांत महासागर के दर्जनों छोटे टापुओं के नेतृत्व से मुलाकात कर उन्हें आधारभूत ढांचा विकास, साइबर सुरक्षा एवं प्रशिक्षण में चीनी मदद की पेशकश की है।  हालांकि चीन का यह प्रयास विफल रहा है। चीन की रणनीति का पर्दाफाश करने में ऑस्ट्रेलिया की काफी भूमिका रही, जब उनके नवनियुक्त विदेश मंत्री पेन्नी वोंग भी इन द्वीपों पर जा पहुंचे और उन्हें आगाह किया।

 

जलवायु परिवर्तन प्रशांत द्वीपों की बड़ी समस्या
अल्बनीज ने कहा कि कई निचले प्रशांत द्वीप समूह जलवायु परिवर्तन को अपना सबसे अधिक दबाव और अस्तित्व के लिए खतरा मानते हैं। पिछली सरकार ने 2030 तक ऑस्ट्रेलिया के उत्सर्जन को 2005 के स्तर से 26 प्रतिशत से 28 प्रतिशत कम करने के लिए प्रतिबद्ध किया था। अल्बानी की सरकार ने 43 प्रतिशत की कमी का वादा किया है। अर्डर्न ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की बड़ी महत्वाकांक्षा से न्यूजीलैंड खुश है। दशक के अंत तक न्यूजीलैंड का उत्सर्जन को कम करने लक्ष्य 30 फीसदी है। उन्होंने कहा कि प्रशांत क्षेत्र ने जलवायु परिवर्तन को अपने नंबर एक खतरे के रूप में सूचीबद्ध किया है।

 

न्यूजीलैंड के साथ काम करने को उत्साहित आस्ट्रेलिया
यह पूछे जाने पर कि क्या ऑस्ट्रेलिया प्रशांत महासागर में चीन की बढ़त को रोकने के लिए न्यूजीलैंड से और अधिक प्रयास करने को कह सकता है, तो प्रधानमंत्री अल्बानीज ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री अर्डर्न और हमारे लोकतांत्रिक पड़ोसियों के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हूं। अर्डर्न ने कहा कि कई देशों ने सुरक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बजाय चीन के साथ आर्थिक संबंध जारी रखने का विकल्प चुना है। बहरहाल जानकारों का कहना है कि जापान और आसियान सदस्यों को भी हिंद-प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में चीन के बढ़ते कारनामों पर पैनी नजर रखनी होगी, वहीं ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को अपनी दृष्टि प्रशांत महासागर के छोटे द्वीपों में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर केंद्रित करनी होगी।
 


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Content Writer

Seema Sharma

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