''मैंने अपने स्टूडेंट के साथ कई बार शारिरिक संबंध बनाए'' — टीचर का कोर्ट में कबूलनामा, कहा- हमारा दो महीने बच्चा भी है...
punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 03:15 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क: Australia में 37 साल की हाई‑स्कूल Teacher Karly Rae ने कोर्ट में खुलासा किया कि उसने अपने नाबालिग स्टूडेंट के साथ कई बार यौन संबंध बनाए। कोर्ट में पेश होने के दौरान उनके साथ उनका दो महीने का नवजात बच्चा भी मौजूद था। इस कबूलनामे के बाद कोर्ट ने तत्काल कठोर आदेश जारी किया।
कोर्ट में कबूलनामा और पहली सुनवाई
कार्ली राय ने पिछले गुरुवार को कोर्ट में अपने अपराध की स्वीकारोक्ति की। उनके साथ उनका दो महीने का नवजात बच्चा भी कोर्ट में मौजूद था। आरोपी ने चार मुख्य आरोप स्वीकार किए हैं:
-नाबालिग लड़के के साथ यौन संबंध बनाना
-child abuse से संबंधित सामग्री रखना
-किसी स्टूडेंट को गैरकानूनी यौन गतिविधियों के लिए तैयार करना
न्याय प्रक्रिया में बाधा डालना
सजा मार्च 2026 में सुनाई जाएगी, लेकिन कोर्ट ने तुरंत कदम उठाते हुए टीचर की नौकरी रद्द कर दी और आदेश दिया कि वह 16 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे के साथ अकेले नहीं रह सकती।

अपराध की विस्तार से कहानी
कार्ली राय ने कोर्ट को बताया कि यह यौन शोषण अक्टूबर 2024 में शुरू हुआ, जब पीड़ित 15 साल का था। उसी महीने उसे पहली बार गिरफ्तार किया गया। घटनाएं न्यूकैसल और उसके आस-पास के क्षेत्रों में हुईं, जहां वह शिक्षक के रूप में कार्यरत थी। Teacher ने Social Media—snapchat और instagram—के माध्यम से Student को ग्रूम किया। उसने संदेशों में सीधे यौन इच्छाओं का इशारा किया और ऐसे माहौल बनाए जिससे छात्र शोषण के लिए तैयार हो। उदाहरण के लिए उसने लिखा, "हो सकता है कि स्कूल लौटने से पहले हम आखिरी बार मिल सकें, मैं अपना खिलौना लाऊंगी।" एक अन्य संदेश में कहा, "तुमसे मिलना बहुत टेम्पटिंग था।" बाद में उसने छात्र से अपने संपर्क हटाने के लिए माफी भी मांगी।
शिक्षा और कानून का टकराव
यह मामला न केवल एक अपराध की कहानी है, बल्कि शिक्षा संस्थानों में विश्वास और सुरक्षा के सवाल को भी उजागर करता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधों के लिए सख्त कदम जरूरी हैं, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो और शिक्षकों पर कानून का डर बना रहे। कार्ली राय को मार्च 2026 में सजा सुनाई जाएगी, लेकिन फिलहाल उसके खिलाफ कठोर आदेश लागू हैं। उसकी नौकरी चली गई और बच्चों के संपर्क में आने पर पाबंदी लगाई गई। यह मामला शिक्षा जगत में चेतावनी के रूप में सामने आया है कि विश्वास और अधिकार का गलत इस्तेमाल गंभीर कानूनी परिणाम ला सकता है।
