मस्जिद धमाके के बाद फिर हिंसा की आग में सुलगा मुस्लिम देश ! सांप्रदायिक दंगों में पुलिस अफसर सहित मार डाले कई लोग (Videos)
punjabkesari.in Monday, Dec 29, 2025 - 02:05 PM (IST)
International Desk: सीरिया में एक बार फिर सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी है। होम्स शहर की एक अलावी मस्जिद में हुए भीषण बम धमाके के बाद तटीय प्रांत लताकिया में भड़के विरोध प्रदर्शनों के दौरान कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हिंसा उस समय भड़की जब अलावी समुदाय के हजारों लोग लताकिया, टार्टूस और आसपास के इलाकों में प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे। ये प्रदर्शन 26 दिसंबर को होम्स के वादी अल-दहाब इलाके में स्थित इमाम अली बिन अबी तालिब मस्जिद में हुए धमाके के विरोध में किए गए थे। इस धमाके में नमाज़ के दौरान आठ लोगों की मौत और 18 अन्य घायल हुए थे।
Three people were killed when protests in Syria's Alawite heartland of Latakia spiraled into gunfire and other violence, according to the province's media office https://t.co/Ynay8wFsvj pic.twitter.com/VFG3I2bFWL
— Reuters (@Reuters) December 28, 2025
सीरियाई अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि मस्जिद के भीतर विस्फोटक लगाए गए थे, हालांकि अब तक किसी संदिग्ध की आधिकारिक पहचान नहीं की गई है। मृतकों के जनाज़े शनिवार को निकाले गए थे, जिसके बाद गुस्सा और बढ़ गया। रविवार को लताकिया के अज़हरी चौक पर प्रदर्शन के करीब दो घंटे बाद अचानक गोलियों की आवाज़ गूंजने लगी। रॉयटर्स के एक रिपोर्टर के मुताबिक, गोलियां कहां से चलीं यह स्पष्ट नहीं है। इसके बाद सुरक्षा बलों ने हवा में फायरिंग कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन हालात बेकाबू हो गए। लताकिया प्रांत के मीडिया कार्यालय ने बयान जारी कर बताया कि तीन लोगों की मौत हुई है और 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह स्पष्ट नहीं किया गया कि सभी हताहत अज़हरी चौक पर ही हुए या अन्य इलाकों में भी हिंसा फैली। सीरियाई सरकारी
Al-Arabiya reported four deaths, including a security officer, during clashes between protestors, gunmen belonging to the former Assad regime, pro-government demonstrators and Syrian security forces.
The protests erupted following the bombing of an Alawite mosque in a… pic.twitter.com/qofEjVbbw5
— Joe Truzman (@JoeTruzman) December 28, 2025
समाचार एजेंसी SANA ने दावा किया कि लताकिया में “पूर्व शासन के सशस्त्र अवशेषों” की गोलीबारी में एक सुरक्षा कर्मी की मौत हो गई। वहीं, अज्ञात हमलावरों द्वारा सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को भी निशाना बनाए जाने की बात कही गई।इस बीच, सराया अंसार अल-सुन्ना नामक एक अज्ञात संगठन ने टेलीग्राम पर बयान जारी कर मस्जिद हमले की जिम्मेदारी ली है। संगठन ने संकेत दिया कि हमला अलावी समुदाय को निशाना बनाकर किया गया था, जिन्हें कट्टरपंथी इस्लामी गुट शिया इस्लाम का “विधर्मी” धड़ा मानते हैं। रविवार के प्रदर्शन का आह्वान विदेश में रह रहे अलावी मौलवी ग़ज़ाल ग़ज़ाल ने किया था, जो सुप्रीम अलावी इस्लामिक काउंसिल इन सीरिया एंड द डायस्पोरा के प्रमुख हैं। एसोसिएटेड प्रेस के फोटोग्राफर के अनुसार, लताकिया में सरकार समर्थक जवाबी प्रदर्शनकारियों ने अलावी प्रदर्शनकारियों पर पत्थर फेंके, जबकि एक जवाबी प्रदर्शनकारी की पिटाई भी हुई। सुरक्षा बलों ने दोनों पक्षों को अलग करने की कोशिश की।
सीरियाई टीवी के मुताबिक, टार्टूस में एक पुलिस स्टेशन पर हथगोला फेंके जाने से दो सुरक्षाकर्मी घायल हुए, जबकि लताकिया में सुरक्षा बलों की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में बशर अल-असद के सत्ता से हटने और सुन्नी नेतृत्व वाली सरकार के गठन के बाद से सीरिया में कई बार सांप्रदायिक हिंसा भड़क चुकी है। असद रूस भाग गए थे। मार्च 2025 में असद समर्थकों के हमले के बाद हुई हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश अलावी थे।हालांकि सरकार ने मस्जिद धमाके की निंदा करते हुए दोषियों को सजा दिलाने का वादा किया है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अलावी समुदाय भेदभाव, मनमानी गिरफ्तारियों और सुरक्षा की कमी की लगातार शिकायत कर रहा है।
