हैरानीजनक खुलासा: डाइट सोडा, फ्लेवर्ड वाटर जैसे पदार्थों से दिमाग जल्द हो सकता है बूढ़ा

punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 04:49 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः एक नई स्टडी में चेतावनी दी गई है कि डाइट सोडा, फ्लेवर वाला पानी, लो-कैलोरी मिठाई या एनर्जी ड्रिंक में पाए जाने वाले कृत्रिम स्वीटनर (जैसे एस्पार्टेम और सैकरिन) का ज्यादा सेवन दिमाग की सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इस अध्ययन के मुताबिक: जो लोग सबसे ज्यादा लो या नो-कैलोरी स्वीटनर का सेवन करते हैं, उनमें दिमागी क्षमता (मेमोरी और शब्द पहचानने की ताकत) 62% तेजी से गिरती है। यह गिरावट 1.6 साल की ब्रेन एजिंग (Brain Ageing) के बराबर मानी जा रही है।

स्टडी में क्या-क्या देखा गया?

यह शोध Neurology जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें ब्राजील के 13,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया, जिनकी औसत उम्र 52 साल थी। प्रतिभागियों की डाइट की जानकारी लेकर 8 साल तक उनका मेमोरी, शब्द पहचान और सोचने की क्षमता की जांच की गई।जिन लोगों ने रोज़ाना औसतन 191 मिलीग्राम (लगभग 1 चम्मच) कृत्रिम मिठास ली, उनके दिमागी स्वास्थ्य में तेज गिरावट देखी गई। ध्यान दें: एक डाइट सोडा में ही लगभग 200–300 मिलीग्राम मिठास होती है (WHO के अनुसार)।

असर कितना गंभीर?

  • सबसे ज्यादा सेवन करने वालों में: दिमाग की कार्यक्षमता में 62% तेज गिरावट (1.6 साल की ब्रेन एजिंग)।

  • मध्यम सेवन करने वालों में: यह गिरावट 35% रही (लगभग 1.3 साल की ब्रेन एजिंग)।

  • इस गिरावट का असर खास तौर पर 60 साल से कम उम्र वालों में ज्यादा देखा गया।

डाइट सोडा और डायबिटीज़ का रिश्ता

एक हालिया ऑस्ट्रेलियन स्टडी में पाया गया कि: रोज़ 1 कैन डाइट सोडा पीने से टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा 38% तक बढ़ सकता है। आश्चर्य की बात यह है कि यह खतरा सामान्य चीनी वाले ड्रिंक्स (23%) से भी ज्यादा है। यह रिस्क मोटापे से नहीं, बल्कि डायरेक्ट मेटाबॉलिज्म पर असर से जुड़ा हो सकता है।

किसमें पाए जाते हैं ये Sweeteners?

  • डाइट सोडा

  • फ्लेवर वाला पानी

  • लो-कैलोरी मिठाई (जैसे शुगर-फ्री डेज़र्ट)

  • एनर्जी ड्रिंक्स

  • यहां तक कि कुछ दवाइयों में भी

 क्या करें बचाव के लिए?

अगर आप डाइट फूड या शुगर-फ्री ड्रिंक्स ज्यादा लेते हैं, तो इनकी मात्रा कम करें।

  • प्राकृतिक विकल्प अपनाएं जैसे:

    • शहद, मेपल सिरप, खजूर का शुगर, या नारियल शुगर।

  • लेबल पढ़ें – फ्लेवर्ड चीजों में छिपे हुए स्वीटनर को पहचानें।

  • 60 साल से कम उम्र वालों को खास सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों की राय

शोधकर्ताओं का कहना है कि “Artificial Sweeteners का लंबे समय तक सेवन दिमाग पर असर डाल सकता है।” हालांकि, कुछ हेल्थ अथॉरिटी (जैसे ISA और सॉफ्ट ड्रिंक इंडस्ट्री) का कहना है कि यह केवल पर्यवेक्षण अध्ययन है और इससे सीधा कारण नहीं साबित होता। लेकिन चेतावनी गंभीर है।


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Content Writer

Pardeep

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