दुनियाभर में तेजी से बढ़ा प्रवासियों का खतरनाक निर्वासन! US-UK औरऑस्ट्रेलिया ने कसा शिंकजा, मानवाधिकारों पर उठे सवाल
punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 07:42 PM (IST)

International Desk: दुनियाभर में प्रवासियों को अब खतरनाक तरीके से निर्वासित किया जा रहा है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसी देशों ने हाल के वर्षों में गैर-नागरिकों के खिलाफ हिरासत और निर्वासन की नीति का विस्तार किया है, जिससे मानवाधिकार और न्याय पर सवाल उठ रहे हैं।अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने ‘तीसरे देशों’ के साथ समझौते किए हैं, जहां गैर-नागरिकों को उनके मूल देश या वहां के अलावा भेजा जाता है। इसका मकसद उन देशों को भेजना है, जो उन्हें स्वीकार करने से इनकार कर देते हैं या उनका निर्वासन सीधे संभव नहीं होता।
ऑस्ट्रेलिया में लेबर सरकार ने नाउरू द्वीप के साथ एक गुप्त समझौता किया, जहां अगले 30 साल में प्रवासियों को 2.5 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर की गारंटी के तहत समायोजित किया जाएगा। ब्रिटेन में भी लेबर सरकार ने पिछले साल लगभग 35 हजार लोगों को निर्वासित किया। यूरोप में यूरोपीय आयोग ने भी शरण चाहने वालों को तीसरे देशों में भेजने का प्रस्ताव पेश किया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हालिया नीति प्रवासियों को अपराधीकरण की राह पर ले जा रही है। शरण मांगना अब अपराध माना जाता है और हिरासत केंद्रों में रखा जाता है। अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने पूर्व जेलों और सैन्य ठिकानों में हिरासत केंद्र स्थापित किए हैं, जिनमें ग्वांतानामो बे भी शामिल है।सदियों से विभिन्न देशों ने निर्वासन का इस्तेमाल किया है, लेकिन आज यह वैश्विक प्रवासन प्रशासन का अहम हिस्सा बन गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रवृत्ति उदार लोकतंत्रों में बढ़ते अधिनायकवाद और मानवाधिकार उल्लंघन का संकेत है।