अरब देशों का चौंकाने वाला कदम: इजराइल का दिया साथ, कहा- गाजा से सत्ता छोड़ दे हमास
punjabkesari.in Wednesday, Jul 30, 2025 - 07:21 PM (IST)

International Desk: इजरायल-हमास युद्ध के बीच कतर, सऊदी अरब और मिस्र समेत अरब लीग के 22 सदस्य देशों ने पहली बार एक सुर में हमास से हथियार डालने और गाजा पर अपनी सत्ता छोड़ने की मांग की है। यह कदम दुनिया के लिए चौंकाने वाला माना जा रहा है, क्योंकि अब तक हमास को लेकर अरब देशों में इतनी खुली आलोचना कभी नहीं हुई थी। गौरतलब है कि गाजा में मौजूदा युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इज़रायल पर अचानक हमलों से शुरू हुआ था, जिसमें 1,200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसके जवाब में इज़रायल ने जबर्दस्त सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी, जिससे अब तक हजारों फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी है।
अब न्यूयॉर्क में हुए एक संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में मुस्लिम देशों ने 7 पेज का घोषणापत्र जारी कर पहली बार 7 अक्टूबर के हमले की निंदा की है। इसमें साफ कहा गया है कि गाजा में युद्ध खत्म करना है तो हमास को बंधक छोड़ने होंगे, हथियार डालने होंगे और अपनी सत्ता फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंपनी होगी। इस पहल को ‘न्यूयॉर्क घोषणापत्र’ नाम दिया गया है। इसका मकसद इज़रायल-फिलिस्तीन विवाद के लिए दो-राष्ट्र समाधान को फिर से जमीनी हकीकत में उतारना है। इस घोषणापत्र में फिलिस्तीनी शिक्षा व्यवस्था से नफरत फैलाने वाला कंटेंट हटाने और अर्थव्यवस्था को मज़बूती देने की बात भी कही गई है।
सऊदी अरब और फ्रांस ने सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की और इसे ‘ऐतिहासिक’ बताया। फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने कहा कि पहली बार अरब देश हमास को हथियार डालने और इज़रायल के साथ शांति के लिए गंभीर क़दम उठाने को कह रहे हैं। हालांकि इस पहल को इज़रायल और अमेरिका ने बहिष्कृत किया। इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने साफ कहा है कि वे हमास को पूरी तरह खत्म करने तक पीछे नहीं हटेंगे और गाजा में फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) को सत्ता देने के पक्ष में भी नहीं हैं। दूसरी तरफ हमास ने भी दो-राष्ट्र समाधान को अब तक ठुकरा रखा है।
भारत ने भी इस सम्मेलन में भाग लेते हुए इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष के दो-राष्ट्र समाधान को ही एकमात्र रास्ता बताया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पवर्तनेनी हरीश ने कहा कि केवल कागज़ी प्रस्तावों से कुछ नहीं होगा, अब व्यावहारिक हल और सीधे संवाद की ज़रूरत है।फिलहाल इस नई कोशिश को मध्य पूर्व में दशकों से चली आ रही खींचतान को खत्म करने की बड़ी उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन सवाल यही है क्या हमास सच में हथियार डालेगा? क्या इज़रायल इस पर तैयार होगा? और क्या सच में दो-राष्ट्र समाधान ज़मीन पर उतर पाएगा? आने वाला वक्त यह तय करेगा।