हूती विद्रोहियों पर अमेरिका ने बरपाया कहर, एयर स्ट्राइक में 74 की मौत, 171 से ज्यादा घायल
punjabkesari.in Friday, Apr 18, 2025 - 10:07 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः यमन के हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले रास ईसा तेल बंदरगाह पर 17 अप्रैल 2025 को अमेरिकी हवाई हमले में कम से कम 74 लोग मारे गए और 171 अन्य घायल हो गए। यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा शुरू किए गए अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों की आपूर्ति लाइनों को बाधित करना और उन्हें वित्तीय संसाधनों से वंचित करना है।
हमले का उद्देश्य और अमेरिकी सेना का बयान
अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने कहा कि इस हमले का उद्देश्य रास ईसा बंदरगाह को नष्ट करना था, जो हूती विद्रोहियों के लिए ईंधन आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत था। CENTCOM ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई का मकसद यमन के नागरिकों को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि हूती विद्रोहियों की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना था।
हूती विद्रोहियों की प्रतिक्रिया
हूती नियंत्रित मीडिया चैनल अल-मसीरा ने इस हमले को "अवैध आक्रमण" बताते हुए इसे युद्ध अपराध करार दिया। हूती अधिकारियों ने दावा किया कि हमले में मारे गए लोग आम नागरिक थे, हालांकि इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है।
क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद, हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में अमेरिकी और इजरायली जहाजों को निशाना बनाने की धमकी दी है। इसके अलावा, हूती विद्रोहियों ने इजराइल की ओर मिसाइल दागी, जिसे बीच में ही मार गिराया गया। इससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है। इस बीच, अमेरिका ने आरोप लगाया है कि एक चीनी उपग्रह कंपनी हूती विद्रोहियों को सैन्य गतिविधियों की जानकारी प्रदान कर रही है। हालांकि, चीन ने इन आरोपों से इनकार किया है और क्षेत्रीय शांति की आवश्यकता पर जोर दिया है।
इस हमले के बाद, यमन में युद्ध का अधिक अंतरराष्ट्रीयकरण हो गया है, और अमेरिका ने आरोप लगाया कि एक चीनी उपग्रह कंपनी हूती हमलों का "सीधे समर्थन" कर रही है, जिस पर बीजिंग ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर ईरान और अमेरिका के बीच दूसरे दौर की वार्ता शनिवार को रोम में होने वाली है।
रास ईसा बंदरगाह लाल सागर के किनारे यमन के होदेदा प्रांत में स्थित है। यह बंदरगाह यमन के ऊर्जा-समृद्ध मारिब प्रांत तक फैली एक तेल पाइपलाइन का टर्मिनस भी है। हूती विद्रोहियों के लिए यह बंदरगाह गैसोलीन, डीजल और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। अमेरिका और हूती विद्रोहियों के बीच यह संघर्ष क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है, और इसके परिणामस्वरूप यमन में मानवीय संकट और बढ़ सकता है।