अल्जीरिया ने बंदूक की नोक पर सहारा रेगिस्तान में धकेले 13 हजार शरणार्थी

punjabkesari.in Tuesday, Jun 26, 2018 - 03:41 PM (IST)

असामाका: अफ्रीकी देश अल्जीरिया ने पिछले 14 महीनों में अन्य देशों से अपने यहां पहुंचे करीब 13 हजार शरणार्थियों को सहारा रेगिस्तान में धकेल दिया। इनमें कई गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। भूमध्य सागर से लगेइस देश से  जान बचाने के लिए ये शरणार्थी चिलचिलाती धूप  व तपती रेत पर भूखे-प्यासे चलने को मजबूर हैं। उन्हें बंदूक की नोक पर लगातार आगे बढ़ते रहने को मजबूर किया जा रहा है। इस दौरान कई शरणार्थियों  की मौत हो गई और कुछ रेगिस्तान में भटक गए। जो बचे, वे अल्जीरिया की सीमा से लगे नाइजर के असामाका क्षेत्र की तरफ बढ़ रहे हैं।

यूरोपीय यूनियन (EU) ने यूरोपीय देशों की तरफ आने वाले शरणार्थियों को रोकने के लिए उत्तर अफ्रीकी देशों पर दवाब बनाया था। इसी के चलते अल्जीरिया ने पिछले साल अक्तूबर से शरणार्थियों का सामूहिक निर्वासन तेज कर दिया। ईयू के प्रवक्ता का कहना है कि वह अल्जीरिया के कदम से वाकिफ हैं। लेकिन संप्रभु राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए शरणार्थियों को निर्वासित करने के लिए स्वतंत्र हैं। अल्जीरिया ने निर्वासित किए गए शरणार्थियों की संख्या उजागर नहीं की है। लेकिन इंटरनैशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (IOM) के अनुसार करीब 11,276 शरणार्थी सहारा रेगिस्तान में बढ़ते हुए अपनी जान बचाने में कामयाब हुए।

IOM समेत कई संस्थाओं ने इसको लेकर अल्जीरिया पर मानवाधिकार हनन का आरोप लगाया है। अल्जीरिया ने हालांकि इस आरोप को उसके खिलाफ चलाया जा रहा दुर्भावनापूर्ण अभियान बताया है। बता दें कि नाइजर भी शरणार्थियों को ट्रकों और बसों में भरकर उनके मूल देश भेज रहा है। माली, गांबिया, गिनी, आइवरी कोस्ट, नाइजर और अन्य देशों से बड़ी संख्या में पलायन कर रहे लोग भूमध्य सागर के जरिए यूरोपीय देशों में शरण लेने की फिराक में हैं।


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Tanuja

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