डंकी के जरिए अमेरिका जाने वाले भारतीयों की संख्या में भारी वृद्धि, चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने
punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2024 - 12:55 PM (IST)
International Desk: हाल के वर्षों में कनाडा और अमेरिका के बीच सीमा पर भारतीय नागरिकों द्वारा अवैध प्रवास के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। यह मुद्दा अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बीच भविष्य में एक अहम द्विपक्षीय चर्चा का विषय बन सकता है। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा गश्ती (यूएससीबीपी) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2023 में अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश करने वालों में 22% भारतीय थे। इस साल अवैध प्रवेश के 198,929 मामलों में से 43,764 भारतीय नागरिक थे। 2022 में यह संख्या कुल प्रयासों का 16% थी, जबकि 2023 में यह स्थिर रहते हुए संख्या 30,010 से बढ़कर इस वर्ष 43,764 हो गई।
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वाशिंगटन डीसी स्थित थिंक टैंक निस्केनन सेंटर के एक विश्लेषण के मुताबिक, कनाडा भारतीय प्रवासियों के लिए तेजी से एक सुलभ प्रवेश बिंदु बन रहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि पंजाब, जो मुख्य रूप से एक सिख बहुल राज्य है, से आने वाले कई प्रवासी कनाडा के रास्ते अमेरिका पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।विश्लेषण में यह भी उल्लेख किया गया कि खालिस्तान मुद्दा इस प्रवासन प्रवृत्ति का एक सहायक कारण हो सकता है। अमेरिका में भारतीय सिख प्रवासियों को शरण मिलने की उच्च दर के कारण यह मुद्दा भविष्य में भारत, अमेरिका, और कनाडा के बीच त्रिपक्षीय विवाद का कारण बन सकता है। हालांकि, इन आंकड़ों में केवल वे मामले शामिल हैं, जिनमें प्रवासी सीमा पर पकड़े गए। ऐसे लोगों की संख्या उपलब्ध नहीं है जो अवैध रूप से सीमा पार करने में सफल रहे।
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बता दें कि डोंकी रूट, यानी अवैध तरीकों से सीमा पार कर अमेरिका पहुंचने वाले भारतीयों की संख्या में हाल के वर्षों में तेज़ी से इजाफा हुआ है। आंकड़ों के अनुसार, 2023 में अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश करने वालों में से 22% भारतीय थे। इस साल कुल 198,929 मामलों में से 43,764 भारतीय नागरिक थे। विशेषज्ञों का मानना है कि पंजाब जैसे राज्यों से बड़ी संख्या में लोग बेहतर जीवन और रोजगार की तलाश में कनाडा के रास्ते अमेरिका पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। खालिस्तान जैसे राजनीतिक मुद्दे और अमेरिका में शरण पाने की उच्च दर भी इस प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रहे हैं।