भारत के पड़ोसी देश ने धरती फाड़ी तो निकली सोने की खान! वैज्ञानिकों की आंखें फटी रह गईं

punjabkesari.in Tuesday, Apr 22, 2025 - 11:07 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: 1,000 टन सोने का विशाल भंडार मिला, जिसकी कीमत अरबों डॉलर में बताई जा रही है। चीन के इस खुलासे के बाद भारत के पड़ोस में खनिज शक्ति का नया केंद्र बनता दिख रहा है। चीन के लिओनिंग (Liaoning) प्रांत में भूगर्भशास्त्रियों ने 1,000 टन सोने का भंडार खोजा है। यह इलाका पूर्व से पश्चिम 3 किलोमीटर और उत्तर से दक्षिण 2.5 किलोमीटर में फैला है। यानी ये कोई छोटा-मोटा खजाना नहीं बल्कि ‘धरती की तिजोरी’ है जो अब खुल चुकी है।

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हर ड्रिलिंग छेद में निकल रहा है सोना!

वैज्ञानिकों का कहना है कि जहां-जहां ड्रिल की जा रही है, वहां-वहां सोने का अयस्क मिल रहा है। इससे ये साफ है कि सोने की सांद्रता बहुत अधिक हैऔर इसे निकालना भी बेहद आसान होगा। मतलब यह सोना केवल कागज पर नहीं, बल्कि वाकई जमीन के अंदर भरा पड़ा है।

पहले भी हुआ था ऐसा चौंकाने वाला खुलासा

ये खोज उस समय सामने आई है जब केवल कुछ महीने पहले ही चीन के हुनान प्रांत में भी 80 अरब डॉलर कीमत का सोना मिलने का दावा किया गया था। वहां सतह से करीब एक मील नीचे 40 सोने की नसें मिली थीं। अब लिओनिंग में ये नई खोज सामने आकर पूरे देश को संसाधनों के मामले में मजबूत कर रही है।

चीन क्यों है इस खोज से इतना उत्साहित?

चीन पहले से ही दुनिया का सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश है, लेकिन भंडार के मामले में वो अब भी दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया से पीछे है। लिओनिंग और हुनान में हुई ये खोजें उसे इस दौड़ में आगे बढ़ाने का काम कर सकती हैं। 2024 में चीन ने करीब 380 टन सोने का उत्पादन किया था, लेकिन ये नया खजाना उस आंकड़े को बहुत तेजी से बढ़ा सकता है।

सोना क्यों है इतना जरूरी?

सोना सिर्फ गहनों या निवेश का साधन नहीं है, बल्कि यह एक देश की आर्थिक स्थिरता में भी बड़ी भूमिका निभाता है। जब वैश्विक स्तर पर वित्तीय संकट आता है तब सोना ही एक मजबूत बैकअप बनता है। इसके अलावा ये बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने में भी उपयोगी होता है — और ये क्षेत्र चीन की औद्योगिक नीति के केंद्र में हैं।

भारत के लिए क्या मायने हैं?

भारत के पड़ोस में इतनी बड़ी मात्रा में सोने का मिलना सिर्फ खनिज दृष्टि से नहीं बल्कि रणनीतिक रूप से भी चिंताजनक हो सकता है। चीन पहले ही आर्थिक ताकत के मामले में एक बड़ी शक्ति बन चुका है और अब खनिज संसाधनों के मामले में भी तेज़ी से आगे निकल रहा है।

क्या भारत को भी एक्टिव होना चाहिए?

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को भी अब अपने संसाधनों की खोज और संरक्षण की दिशा में ज्यादा आक्रामक होना चाहिए। विशेषकर झारखंड, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में सोने की उपस्थिति पहले भी पाई जा चुकी है, लेकिन उस स्तर की खोज और दोहन अब तक नहीं हो पाया।


(नोट: खबर में प्रयुक्त तस्वीर AI की मदद से बनाई गई हैं।)


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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