मैंने चीन के लिए रास्ता खोला, लेकिन उसने हमें धोखा दिया: डोनाल्ड ट्रम्प
punjabkesari.in Friday, May 30, 2025 - 07:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने बीजिंग के साथ जो 'व्यापार समझौता' किया था, चीन ने उसका "पूरी तरह उल्लंघन" किया है। ट्रम्प का दावा है कि उन्होंने यह सौदा इसलिए किया ताकि चीन उनकी ओर से लगाए गए भारी टैरिफ (शुल्क) से उबर सके, लेकिन अब बीजिंग ने अमेरिकी भरोसे को तोड़ा है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखते हुए कहा कि कुछ हफ्ते पहले चीन एक गंभीर आर्थिक संकट में फंसा हुआ था। उन्होंने कहा मेरे द्वारा लगाए गए टैरिफ इतने भारी थे कि चीन के लिए अमेरिका के साथ व्यापार करना लगभग असंभव हो गया था। उन्होंने आगे बताया कि चीन में कई फैक्ट्रियां बंद हो गई थीं और वहां नागरिक अशांति जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने जो तेज व्यापार सौदा किया, उसका मकसद केवल अमेरिका की भलाई नहीं बल्कि चीन को बर्बादी से बचाना भी था। उन्होंने लिखा मैंने चीन को उस स्थिति से निकाला जो और भी ज्यादा बिगड़ सकती थी। मैं ऐसा होते नहीं देख सकता था। ट्रम्प के मुताबिक इस सौदे के बाद चीन की हालत सुधरने लगी और व्यापार सामान्य हो गया। लेकिन कुछ ही समय में चीन ने समझौते की शर्तें तोड़ दीं। उनका आरोप है कि बीजिंग ने अमेरिका से किए गए वादों को तोड़ा और समझौते का सम्मान नहीं किया। ट्रम्प ने कहा शायद कुछ लोगों को यह जानकर हैरानी नहीं होगी, लेकिन चीन ने हमारे समझौते का पूरी तरह उल्लंघन किया है।" ट्रम्प के इस बयान से यह संकेत मिलता है कि यदि वह दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं तो चीन के खिलाफ फिर से कठोर नीतियां अपनाई जा सकती हैं।
अदालत से झटका, फिर अपील
इस पूरे विवाद के बीच एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ। अमेरिका की एक संघीय अदालत ने ट्रम्प द्वारा लागू किए गए व्यापक टैरिफ पर सवाल उठाते हुए उसे रोक दिया। अदालत ने कहा कि अमेरिकी संविधान के अनुसार व्यापार संबंधी फैसले लेने का अधिकार कांग्रेस को है न कि राष्ट्रपति को। ट्रम्प प्रशासन ने इस निर्णय को "आर्थिक रणनीति पर बड़ा हमला" बताया और तुरंत अपील दायर कर दी।
चीन की प्रतिक्रिया: 'टैरिफ हटाओ'
चीन के विदेश मंत्रालय ने ट्रम्प की टैरिफ नीति की कड़ी आलोचना की और इसे "प्रोटेक्शनिज़्म" (संरक्षणवाद) बताया। मंत्रालय ने कहा कि व्यापार युद्धों में किसी को जीत नहीं मिलती और अंततः सभी को नुकसान उठाना पड़ता है। बीजिंग ने अमेरिका से "गलत और एकतरफा टैरिफ को पूरी तरह से हटाने" की अपील की है।
व्यापार वार्ता में ठहराव, अब क्या?
इस बीच अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने स्वीकार किया है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता "थोड़ी रुकी हुई" है। उन्होंने यह भी कहा कि अब इस वार्ता को अंतिम रूप देने के लिए ट्रम्प और शी जिनपिंग जैसे शीर्ष नेताओं की प्रत्यक्ष भूमिका जरूरी होगी।