आतंकी हमले से उपजे कई सवाल

punjabkesari.in Monday, Jul 04, 2016 - 07:48 PM (IST)

बांग्लादेश मेंं मारे गए आतंकियों का संबंध आईएसआईएस से था इसकी आशंका जताए जाने पर शेख हसीना सरकार फिर अपने पुराने दावे को दोहरा रही है कि आतंकियों का इस आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं था। प्रधानमंत्री के बाद राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख भी कह रहे हैं कि आतंकवादी स्थानीय नागरिक थे और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए लगातार अभियान चलाए गए थे। सवाल है कि फिर आईएसआईएस ने उनके फोटो कैसे जारी कर दिए। पुलिस के रिकार्ड में उनके कौन से फोटो हैं? इन दोनों में कोई समानता है?

इन सब युवकों के नाम के आगे अबू लगा है कहा जा रहा है कि ये नाम इन्हें आईएसआईएस ने ही दिए थे। सोशल साइट पर वायरल हो रही इन तस्वीरों को देखकर लगता है कि संपन्न परिवारों के होने और शिक्षित इन युवकों को इस आतंकी संगठन से जुड़ने का कोई पछतावा नहीं था। पछतावा इसलिए नहीं था कि यदि वे काफी पढ़े लिखे थे और अमीर घरानों से आते थे तो उन्हें हिंसा का रास्ता चुनने की क्या जरुरत पड़ गई थी। वे किसी बेहतर करियर का चुनाव कर सकते थे, लेकिन संभव है कि वे आईएसआईएस से प्रभावित हो गए हां, उनका ब्रेनवॉश कर दिया हो और आतंक फैलाने का उन पर जुनून सवार हो गया। लेकिन एक को छोड़कर शेष  मात्र 20—21 साल के नवयुवक जल्द ही अपनी जान गवां बैठे और अपने परिवारों की प्रतिष्ठा को भी तबाह कर गए।

जिसे जीवित पकड़ने में सुरक्षा बलों को कामयाबी मिली है उससे क्या जानकारी मिली है, इसका सबको इंतजार है। इस समय जांच एजेंसियों के लिए वही एकमात्र स्रोत है जो स्वयं के और अपने साथियों के आईएसआईएस से जुड़े होने की पुष्टि करेगा। मारे गए युवकों की क्या शिनाख्त हुई है। क्या उनके परिवार अपने बच्चों का शव लेने आए हैं ? वे क्या कहते हैं ? गौर करने की एक बात और है, बांग्लादेश की सत्तारूढ़ अवामी लीग के एक वरिष्ठ नेता के बेटे के भी ढाका के रेस्तरां पर हुए आतंकवादी हमले में शामिल होने की आशंका जताई गई है।

यह भी कम अहम नहीं कि पार्टी की ढाका शाखा के नेता और बांग्लादेश आेलंपिक एसोसिएशन के उपमहासचिव एसएम इम्तियाज खान बाबुल इसी वर्ष की 4 जनवरी को अपने बेटे के लापता होने की पुलिस में शिकायत दर्ज करा चुके हैं। पुलिस ने इस दिशा में क्या प्रगति की। उसे उनके बेटे के बारे में क्या सुराग व महत्वपूर्ण सूचनाएं मिलीं यह जानकारी आना अभी बाकी है। 

खास बात यह भी है कि उसे आखिरी बार किन लोगों के साथ देखा गया। उसके कहां जाने की आशंका जताई गई थी। छह महीने का समय बीत चुका है पुलिस को उसके बारे में कोई तो अहम जानकारी मिली होगी। अथवा आईएसआईएस में शामिल होने की जानकारी होते हुए थी इस मामले को  दबा दिया गया हो। फोटो वायरल होने के बाद क्या खान ने अपने बेटे की शिनाख्त की है, इस बारे में उनका क्या कहना है ? न ही उनका अब तक कोई खंडन आया है। यह भी एक रहस्य है। 

उसके पूर्व सहपाठियों ने रोहन नाम के युचक की माता-पिता के साथ उसकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर अपलोड की गई है, इसे निगरानी संस्था एसआईटीई इंटेलिजेंस ने ट्विटर पर भी डाला गया है। बताया जाता है कि संस्था द्वारा डाली गयी यह तस्वीर कथित रूप से इस्लामिक स्टेट की आेर से जारी हमलावरों की तस्वीर है। अब तक जो जानकारियां मिली हैं प्रधानमंत्री शेख हसीना के खंडन किए जाने से उन्हें नजर अंदाज भी तो नहीं किया जा सकता।

बांग्लादेश के रेस्त्रां में आतंकी हमला और 20 विदेशियों की निर्मम हत्या को खुफिया एजेंसियों की नाकामी भी कहा जा सकता है। यदि हमले की किसी आशंका को जताया गया होता तो सुरक्षा बल सतर्क हो जाते। यह हमला विफल किया जा सकता था। वैसे भी बांग्लादेश में छिटपुट आतंकी घटनाओं और ब्लागरों, पत्रकारों, अल्पसंख्यकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या किए जाने पर स्वयं को धर्म निरपेक्ष कहने वाली वहां की शेख हसीना सरकार कट्टरपंथियों पर रोक नहीं लगा पाई है। अब वह कहती है कि मारे गए ये युवक कट्टरपंथियों से प्रभावित थे। बांग्लादेश सरकार के लिए कट्टरपंथी भी कम खतरनाक नहीं है। देखना है कि सरकार उनसे निपटने के लिए क्या ठोस कार्रवाई करती है?

 

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