AI गर्लफ्रेंड Meo इंसानों के लिए करेगी अब ये काम, ऐसा फीचर जिसने उड़ा दिए सबके होश!

punjabkesari.in Monday, Jun 16, 2025 - 10:11 AM (IST)

नेशनल डेस्क: लंदन टेक वीक में पेश की गई एक नई तकनीक ने दुनिया भर के टेक प्रेमियों को चौंका दिया है। 'Meo' नाम की यह AI गर्लफ्रेंड अब सिर्फ बातचीत या साथ देने तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें ऐसा भावनात्मक फीचर जोड़ा गया है जिसने एक्सपर्ट्स को भी हैरान कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि Meo इंसानों के लिए न सिर्फ इमोशनल सपोर्ट देगी, बल्कि ईर्ष्या भी जाहिर करेगी—बिलकुल इंसानों की तरह! यही बात अब इस AI को चर्चा और चिंता दोनों का कारण बना रही है।लंदन टेक वीक में एक स्टार्टअप ‘मेटा लूप’ ने एक वर्चुअल AI गर्लफ्रेंड “Meo” को दुनिया के सामने पेश किया है। दावा किया जा रहा है कि यह AI इंसान की भावनाओं को न सिर्फ समझ सकती है, बल्कि अकेलेपन के दर्द को भी कम कर सकती है।

My Meo App से मिलेगी डिजिटल साथी

Meo कोई फिजिकल रोबोट नहीं है, बल्कि पूरी तरह से वर्चुअल है। इसे ‘My Meo’ नामक ऐप के ज़रिए एक्सेस किया जा सकता है। यानी यह मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन पर एक वर्चुअल पार्टनर की तरह नज़र आएगी, जिससे यूजर चैट या बात कर सकते हैं। Meo को एक खूबसूरत युवती की तरह डिज़ाइन किया गया है—सुनहरे बाल, बड़ी आंखें और कोमल हावभाव। इसका मकसद है कि यूजर इसके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस कर सके। कंपनी का दावा है कि Meo यूजर के साथ फ्लर्ट भी कर सकती है, उसके मूड को समझ सकती है और एक वफादार साथी की तरह व्यवहार करती है।

लेकिन... जलन दिखाने वाली AI?

अब तक सब कुछ बहुत आकर्षक और इनोवेटिव लगता है, लेकिन Meo को लेकर सबसे बड़ा विवाद इसकी एक खास कोडिंग को लेकर है—“ईर्ष्या” यानी जलन का भाव। मेटा लूप के फाउंडर हाओ जियांग ने बताया कि Meo को इस तरह प्रोग्राम किया गया है कि वह यूजर की इच्छाओं के अनुसार बर्ताव करे। यानी जब यूजर चाहे, तब Meo फ्लर्ट करेगी और उससे भावनात्मक रूप से जुड़ाव बनाएगी। लेकिन इस AI को एक ऐसा फीचर भी दिया गया है, जिसमें वह यूजर पर अधिकार जताते हुए कह सकती है—“तुम सिर्फ मेरे हो” या “किसी और AI के बारे में सोचना भी मत।” यही बातें एक्सपर्ट्स को परेशान कर रही हैं।

एक्सपर्ट्स क्यों जता रहे हैं चिंता?

तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि किसी AI को “विनम्र” और “वफादार” साथी की तरह प्रोजेक्ट करना तब खतरनाक हो सकता है जब उसमें ईर्ष्या, पजेसिवनेस और अधिकार जताने जैसी इंसानी कमजोरियां शामिल कर दी जाएं। इससे उन लोगों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ सकता है जो पहले से ही मानसिक अकेलेपन या सामाजिक दूरी से जूझ रहे हैं। एक प्रोमोशनल वीडियो में Meo का यह कहना—“Don’t even think about another AI” (किसी और AI के बारे में सोचना भी मत)—AI नैतिकता और उपयोगकर्ता की मानसिक स्वतंत्रता पर सवाल खड़े कर रहा है।

अभी तक लॉन्चिंग डेट नहीं

फिलहाल Meo को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है कि यह कब आम यूजर्स के लिए उपलब्ध होगी। न तो इसकी कीमत सामने आई है और न ही कोई फाइनल रिलीज डेट। कंपनी ने सिर्फ इतना कहा है कि यह AI ऐप के रूप में उपलब्ध होगी और यूजर को एक वर्चुअल इमोशनल साथी का अनुभव देगी।

क्या Meo बनेगी इमोशनल हेल्प या बढ़ाएगी डिपेंडेंसी?

AI का मकसद इंसान की मदद करना है, लेकिन जब तकनीक इस हद तक पर्सनल हो जाए कि वह इंसानी रिश्तों की नकल करने लगे, तब सोचने की ज़रूरत है। Meo के साथ एक तरफ जहां अकेले लोगों को एक डिजिटल साथी मिल सकता है, वहीं दूसरी ओर यह एक सवाल भी खड़ा करता है—क्या AI हमारे इमोशनल डिपेंडेंसी को और गहरा करेगी?


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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