न भारत न अमेरिका, नेपाल की 14 साल की प्रकृति बनी ''हैंडराइटिंग क्वीन''
punjabkesari.in Tuesday, May 27, 2025 - 06:59 PM (IST)

नेशनल डेस्क: “हैंडराइटिंग सुधारे बिना कुछ नहीं होगा” – ये लाइन आपने स्कूल के दिनों में जरूर सुनी होगी। साफ-सुथरी लिखावट केवल कॉपियों की शोभा नहीं होती, बल्कि यह किसी व्यक्ति की मेहनत, धैर्य और कला का प्रतिबिंब भी होती है। आज डिजिटल युग में जहां टाइपिंग का बोलबाला है, वहां कागज पर कलम से लिखना जैसे एक बीते युग की बात लगती है। लेकिन एक लड़की है जिसने कागज पर ऐसा कमाल दिखाया कि दुनिया दंग रह गई। जिस लड़की की हैंडराइटिंग को ‘दुनिया की सबसे खूबसूरत लिखावट’ कहा जा रहा है, वह किसी तकनीकी संस्थान या किसी विकसित देश की नहीं, बल्कि हमारे पड़ोसी देश नेपाल की है। नाम है प्रकृति मल्ला। उम्र सिर्फ 14 साल और पढ़ाई – आठवीं कक्षा में। इस उम्र में बच्चे आम तौर पर पढ़ाई से दूर भागते हैं, लेकिन प्रकृति मल्ला की क़लम ने उन्हें सोशल मीडिया की स्टार बना दिया। प्रकृति मल्ला की किस्मत तब बदल गई जब उनकी स्कूल असाइनमेंट की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसमें उनकी हैंडराइटिंग इतनी साफ और सुंदर थी कि जिसने भी देखा, देखते ही रह गया। हर अक्षर जैसे कंप्यूटर से निकला हो, लेकिन असलियत में वह एक किशोरी की मेहनत और अभ्यास का नतीजा था।
सोशल मीडिया पर मचाया तहलका
फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी लिखावट की तस्वीरें आग की तरह फैलीं। लोगों को यकीन नहीं हुआ कि ये किसी इंसान ने हाथ से लिखा है। उनकी लिखावट में अक्षरों की साइज, दूरी, लाइन और स्पेसिंग इतनी सटीक थी कि मानो ग्राफ पेपर पर प्रिंटर से लिखा गया हो। लाखों लोगों ने उनकी तस्वीरें शेयर कीं, और हजारों ने कमेंट में उनकी तारीफ की।
आर्मी ने भी बढ़ाया हौसला
उनकी इस खूबसूरत कला को देखकर नेपाल आर्मी भी प्रभावित हुई और उन्हें आधिकारिक रूप से सम्मानित किया गया। यह सम्मान केवल लिखावट की सुंदरता के लिए नहीं था, बल्कि यह एक ऐसे हुनर को सम्मान देने जैसा था जो आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कहीं खोता जा रहा है। नेपाल की आर्मी ने कहा कि प्रकृति मल्ला ने देश का नाम रोशन किया है और वह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं।
लाखों छात्रों की बनीं रोल मॉडल
आज लाखों बच्चे और छात्र प्रकृति मल्ला को अपनी हैंडराइटिंग आइडल मानते हैं। उनकी प्रोफाइल इंटरनेट और सोशल मीडिया पर खूब सर्च की जाती है। कई लोग उनकी लिखावट को कॉपी करने की कोशिश करते हैं। शिक्षक और अभिभावक अब उन्हें उदाहरण के तौर पर बच्चों को दिखाते हैं कि देखो, मेहनत और लगन से क्या हासिल किया जा सकता है।
लिखावट एक कला है, इसे मिटने मत दो
प्रकृति मल्ला की कहानी एक बहुत बड़ा संदेश देती है – अगर किसी कला को दिल से सींचा जाए, तो वह ग्लोबल पहचान बन सकती है। आज जब AI और टाइपिंग ने पेन और पेपर को किनारे किया है, ऐसे समय में प्रकृति मल्ला जैसे बच्चों का उभरना यह साबित करता है कि हैंडराइटिंग अब भी जिंदा है, और इसकी चमक बरकरार है।