द बंगाल फाइल्स: विवेक रंजन अग्निहोत्री का तीखा वार, ममता बनर्जी की नीयत और मंशा पर उठाए बड़े सवाल!
punjabkesari.in Tuesday, Sep 02, 2025 - 12:04 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। विवेक रंजन अग्निहोत्री की द बंगाल फाइल्स पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस फिल्म की कहानी 16 अगस्त 1946 को पश्चिम बंगाल में हुए "डायरेक्ट एक्शन डे" की दर्दनाक घटना की पृष्ठभूमि पर आधारित है। बता दें कि द बंगाल फाइल्स फिल्ममेकर की ब्लॉकबस्टर ट्रुथ-रिवीलिंग ट्रिलॉजी का आखिरी चैप्टर है। इसके पहले वह द ताशकंद फाइल्स और द कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्में बना चुके हैं। देशभर में द बंगाल फाइल्स का टीजर पहले ही सनसनी फैला चुका था। जिसके बाद इसका दमदार ट्रेलर रिलीज हुआ और इसने दर्शकों को अपने बेबाक सच से हैरान कर दिया। बता दें कि फिल्म इस हफ्ते रिलीज होने जा रही है, और इसी बीच डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने ममता बनर्जी पर सवाल उठते हुए यह अपील की है कि ममता बनर्जी इस फिल्म को बंगाल में रिलीज होने दें।
फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने एक वीडियो जारी करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री माननीय ममता बनर्जी को संबोधित किया है। इस वीडियो में उन्होंने एग्ज़िबिटर्स की चिंताओं की ओर इशारा किया है, जो द बंगाल फाइल्स को थिएटर्स में दिखाने को लेकर पॉलिटिकल प्रेशर का सामना कर रहे हैं और डरे हुए हैं।उन्होंने यह भी कहा कि ममता बनर्जी की पार्टी के सदस्य फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने की कोशिश कर रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि फिल्म को बैन कराने की कोशिश की जा रही है और उनके खिलाफ कई बेबुनियाद एफआईआर भी दर्ज की गई हैं।
इसके बाद फिल्ममेकर ने ममता बनर्जी से फिल्म को पश्चिम बंगाल में रिलीज होने देने की अपनी वजहें समझाईं। इतना ही नहीं उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री को उनके संवैधानिक शपथ की याद दिलाई, जिसमें “हम, भारत के लोग" (We, the People of Bharat) की फ्री स्पीच के अधिकारों की रक्षा करना शामिल है। उन्होंने यह भी ज़ोर दिया कि मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी है कि फिल्म की रिलीज सुनिश्चित हो। खासकर इसलिए क्योंकि फिल्म को पहले ही संवैधानिक संस्था CBFC पास कर चुकी है।
दूसरी ओर उन्होंने यह भी कहा कि भारत वो धरती है जिसने सबसे ज़्यादा कष्ट झेले हैं, और बंगाल का अध्याय उनमें से सबसे दर्दनाक है। यहां डायरेक्ट एक्शन डे और नोआखाली हिंदू नरसंहार जैसी घटनाएं हुईं हैं, जिन्हें या तो भुला दिया गया है या छुपा दिया गया है। आगे उन्होंने बंगाल को भारत की “सभ्यता का ताज” भी बताया। उन्होंने कहा कि यही वह धरती है जहां स्वामी विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस, रवींद्रनाथ टैगोर और सुभाष चंद्र बोस जैसे महापुरुष हुए हैं।
उन्होंने आगे सवाल उठाया कि “क्या हमें कभी कोई ऐसा यहूदी बच्चा, अश्वेत बच्चा या जापानी बच्चा दिखा है, जो अपने लोगों के दुखों से अनजान हो? तो फिर हमारी नई पीढ़ी हमारे देश के सबसे दर्दनाक अध्याय से क्यों अनजान है?” उन्होंने यह भी पूछा कि क्या बंगाल और उसके लोगों के दुखों की बात करना कोई अपराध है। साथ ही उन्होंने साफ किया कि यह फिल्म किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि उन लोगों के खिलाफ है जिन्होंने इंसानियत के खिलाफ काम किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अगर इस फिल्म को बैन किया जाता है तो यह हिंदू नरसंहारों की सच्चाई को भी बैन करना होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि जब हाल ही में अमेरिका में बंगालियों द्वारा इस फिल्म को देखा गया, तब कईयों ने उनसे कहा कि उन्हें यहां से अब सुकून मिलने लगा है।
अपनी अपील खत्म करते हुए, उन्होंने मुख्यमंत्री से गुजारिश की कि वे फिल्म को बैन न करें, बल्कि उसे देखें, समझें, और उस पर बहस करें लेकिन सच्चाई को छिपाएँ नहीं।
द बंगाल फाइल्स की कहानी को विवेक रंजन अग्निहोत्री ने लिखा और डायरेक्ट किया है, जबकि इसके निर्माता अभिषेक अग्रवाल, पल्लवी जोशी और विवेक रंजन अग्निहोत्री हैं। इसमें मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, अनुपम खेर और दर्शन कुमार अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे। यह फिल्म तेज नारायण अग्रवाल और आई एम बुद्धा प्रोडक्शन्स द्वारा प्रस्तुत की गई है और विवेक की फाइल्स ट्रिलॉजी का हिस्सा है, जिसमें द कश्मीर फाइल्स और द ताशकंद फाइल्स शामिल हैं। यह फिल्म 5 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।