INTERVIEW: भारतीय इंटेलिजेंस ब्यूरो के सीक्रेट मिशन को पर्दे पर लेकर आएगी 'आई.बी.71'- विद्युत जामवाल
punjabkesari.in Saturday, May 13, 2023 - 03:22 PM (IST)

नई दिल्ली। बॉलीवुड के एक्शन स्टार विद्युत जामवाल एक बार फिर बड़े पर्दे पर धमाकेदार एक्शन और जबरदस्त स्पाई थ्रिलर फिल्म 'आई.बी.71' के साथ हाजिर हैं। इस फिल्म के जरिए एक्टर प्रोड्यूसर के तौर पर अपना डेब्यू भी कर रहे हैं। 'आईटी 71 मुख्यतौर पर 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय इंटेलिजेंस ब्यूरो के सीक्रेट मिशन पर आधारित है। एक ऐसा मिशन है जो 50 सालों से एक राज बना हुआ है। इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संकल्प रेड्डी ने डायरेक्ट किया है, जिसमें विद्युत जामवाल के साथ अनुपम खेर मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। फिल्म 12 मई, 2023 को सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है। फिल्म के बारे में अनुपम खेर और विद्युत जामवाल ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की।
(विद्युत जामवाल)
सवाल - फिल्म में आप किस तरह का चमत्कार करने वाले हैं?
जवाब - 'आई.बी.71' फिल्म हिंदुस्तान के खुफिया विभाग इंटेलिजेंस ब्यूरो के बारे में है। जब हम इंटरनैशनल फिल्में देखते हैं तो हमें पता होता है कि वहां खुफिया काम कैसे होता है। जैसे 'मिशन: इम्पॉसिबल, 'एसबीआई, 'आईएस, 'के जी' जैसी कई फिल्म इस पर बन चुकीं हैं।
इन सभी के बारे दुनिया को पता है लेकिन हिंदुस्तान की सीक्रेट सर्विस बारे में लोग पूछते हैं कि ये काम कैसे होता है, ऐसे सवालों के जवाब लोग जानना चाहते हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो पर हम सच्ची घटना पर आधारित फिल्म लेकर आ रहे हैं। जिसे मैंने प्रोड्यूस भी किया है।
सवाल - 'एयरस्पेस ब्लॉक करना इस टर्म का क्या मतलब है और इसे फिल्म में किस तरह दिखाया गया है?
जवाब - पूरी दुनिया के साथ भारत का यह सबसे बड़ा मिशन रहा है जो 50 साल पहले हुआ था, लेकिन तब इस बारे में बात करने की इजाजत नहीं थी। साल 1971 में पाकिस्तान को जब पूर्वी और पश्चिमी दो भागों में विभाजित कर दिया गया था।
तब पाकिस्तान को चाइना का सपोर्ट था, इस बारे में सभी जानते हैं, लेकिन इसके पीछे क्या-क्या हुआ था फिल्म में उसी की कहानी बताई गई है। इस मिशन के बारे में आपको फिल्म से बहुत सी नई जानकारियां देखने को मिलेंगी।
सवाल- 'आई.बी.71Ó में सिनेमा के हिसाब से कुछ बदलाव किया है या कहानी पूरी तरह सच्ची घटना पर आधारित है?
जवाब- फिल्म की कहानी पर पहले पूरी तरह से रिसर्च की गई है, बाद में काम शुरू किया गया। अगर हम पूरी सच्चाई उसी तरह दिखाते जैसा हुआ था तो एक डॉक्यूमेंट्री बन जाती, इसलिए हमने पांच परसेंट लिबर्टी ली है, जिसमें लोगों के नाम के साथ कई चीजों में बदलाव किया है। डेढ़ साल लगाने के बाद ये फिल्म बनकर तैयार हुई है।
सवाल- फिल्म के निर्देशन के लिए आपने संकल्प रेड्डी को ही क्यों अप्रोच किया?
जवाब- 2017 में संकल्प रेड्डी के निर्देशन में फिल्म 'द गाजी अटैक रिलीज हुई थी, जिसे देखकर मैं काफी प्रभावित हुआ था। मैंने तभी अपने दोस्त को कॉल करके कहा कि ये डायरेक्टर बहुत सही आदमी है।
उसने बताया कि ये हैदराबाद के डायरैक्टर हैं संकल्प रेड्डी। जब मेरे पास 'आई.बी.' आई तो मेरे जहन में पहले उन्हीं का नाम आया। दो-तीन दोस्तों से जानकारी मिली कि संकल्प बहुत एरोगेंट आदमी हैं। जब मैं उनसे मिला तो एरोगेंट तो दूर वो ज्यादा किसी से बात भी नहीं करते हैं। उनसे मिलकर मैं बहुत इंप्रेस हो गया और उन्हें भी फिल्म की कहानी काफी पसंद आई।
सवाल - आपने एक एक्शन स्टार बनने के लिए काफी मेहनत की है, ऐसे में आज के यंगस्टर्स जो एक्शन हीरो या मार्शल आर्ट की लाइन में जाना चाहते हैं उन्हें आप क्या सलाह देना चाहेंगे?
जवाब - आप सिर्फ उन लोगों के साथ उठो, बैठो और घूमो जो आपके दिमाग में गलतफहमी डालते हैं। इसकी शुरूआत सबसे पहले आपकी मां से होती है, जो कहती हैं कि तुम कितने अच्छे दिखते हो, तुम तो सब कर सकते हो।
उसके बाद एक-दो ऐसे दोस्त बनाओ, जो आपको खूब सपोर्ट करें। अगर आप इस तरह की संगत रखते हो, तो कुछ कर सकते हो। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि आप जो चीजें कर सकते हैं वो सिर्फ आप ही जानते हैं।
(अनुपम खेर)
सवाल- इंडिया-पाक पर कई सारी फिल्में बन चुकी हैं, इस फिल्म में क्या खास है?
जवाब- पाकिस्तान और इंडिया पर जो फिल्में बनी हैं उसके बारे में लोगों को पहले से पता था। इस फिल्म की खास बात यह है कि यह कहानी उन गुमनाम नायकों के बारे में है, जिसके बारे में कोई नहीं जानता। साल 1971 के वॉर के बारे में तो सभी को पता है, लेकिन इस वॉर के दौरान एक ऑपरेशन गंगा हुआ था, जिसके बारे में देश की जनता नहीं जानती थी। यह फिल्म उन गुमनाम नायकों को समर्पित है, जिनके बारे में हमें पता ही नहीं है। फिल्म करने से पहले मुझे भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी और यह अफसोस की बात है।
सवाल- आपके चाचा भी आई.बी. असिस्टेंट डायरेक्टर ऑफिसर थे, क्या आप उनके काम से वाकिफ थे?
जवाब- बचपन में हम कई बार उनके ऑफिस जाया करते थे, लेकिन हमें आज तक पता नहीं चला कि उनका काम क्या था। इतना ही नहीं, मेरी चाची को भी नहीं पता वह क्या करते थे। वह लोग कॉफी सीक्रेट होते हैं।
सवाल- विद्युत जामवाल और डायरेक्टर संकल्प रेड्डी के साथ काम करने का एक्सपीरियंस कैसा रहा?
जवाब- संकल्प रेड्डी कम बात करते हैं, लेकिन वह बेहतरीन काम करते हैं। विद्युत जामवाल ऑफ स्क्रीन भी बहुत अच्छे इंसान हैं और बहुत अच्छा काम करते हैं। बतौर प्रोड्यूसर यह उनकी पहली फिल्म है, मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि यह फिल्म चले।
सवाल- ये आपकी 523वीं फिल्म है। इतने सालों में आपके लिए सिनेमा के मायने कितने बदल
गए हैं?
जवाब- तब भी अच्छी फिल्में बनती थी और अब भी अच्छी फिल्में बनती हैं।
सवाल- आपके लिए एक्टिंग का बेस्ट पार्ट क्या है?
जवाब- मुझे हर किरदार निभाने का मौका मिला है। मुझे 523 वीं जिंदगियां जीने का मौका मिला है। इससे बड़ी अमीरी की बात और क्या हो सकती है?
सवाल- अनुपम खेर को कौन सा किरदार निभाने में सबसे ज्यादा डर लगता है?
जवाब- मैं अपने हर किरदार को पर्दे पर निभाने से पहले नर्वस रहता हूं और ये जरूरी भी है।