नवाजुद्दीन सिद्दीकी बने ‘कोस्टाओ’: एक जांबाज कस्टम अधिकारी की अनसुनी दास्तान
punjabkesari.in Friday, May 02, 2025 - 02:42 PM (IST)

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। नवाजुद्दीन सिद्दीकी इन दिनों अपनी फिल्म कोस्टाओ को लेकर चर्चा में हैं। एक्टर फिल्म में कॉस्टाओ फर्नांडीस की भूमिका निभा रहे हैं जो एक कस्टम अधिकारी है, जिसने 1990 के दशक में गोवा के सबसे शक्तिशाली तस्करी सिंडिकेट का सामना किया था। कोस्टाओ को निर्देशक सेजल शाह ने डायरेक्ट किया है। फिल्म 1 मई को ओटीटी प्लेटफार्म जी5 पर रिलीज हो चुकी है। फिल्म के बारे में नवाजुद्दीन सिद्दीकी, सेजल शाह और विनोद भानुशाली ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी, और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:
नवाजुद्दीन सिद्दीकी
सवाल: इस फिल्म के किरदार में आपको क्या खास बात लगी जिसकी वजह से आपने हां किया?
Costaw की जो डेरिंग थी, जो पागलपन था वह मुझे बहुत आकर्षक लगा। मैं वैसे भी ऐसे किरदारों की ओर खिंचता हूं जिनमें कुछ अलग हो। शूटिंग से पहले हम सेजल के ऑफिस में दो-तीन बार मिले भी थे। उनसे मिलकर लगा कि इनके अंदर एक ज़बरदस्त पागलपन है, जो एक एक्टर के लिए बहुत ‘मसालेदार’ होता है।
सवाल: कोस्टाओ फर्नांडिस से आपकी मुलाकात हुई कैसा लगा उनसे मिलकर?
वो बहुत दिलचस्प इंसान हैं बेहद ईमानदार, डिसिप्लिन में रहने वाले और देश के लिए ज़बर्दस्त जज़्बा रखने वाले। आज भी उनमें वही भावना है।
सवाल: अब आपके फैन आपको कब फिर से ग्रे या नेगेटिव रोल में देख पाएंगे?
जो किरदार मैं करता हूं वो ग्रे शेड्स वाले होते हैं आउट एंड आउट विलन नहीं। इंसान के भीतर झांक कर देखना ज़्यादा जरूरी होता है। जैसे कि तीन कॉप रोल किए हैं लेकिन तीनों के बैकग्राउंड, सोच और आत्मा अलग-अलग थी। बाकि आगे किरदार के हिसाब से तय करुंगा कि किस तरह का रोल करना है।
सवाल: थिएटर बनाम OTT, क्या इससे फर्क पड़ता है कि आपकी फिल्म कहां रिलीज हो रही है?
मेरे लिए सबसे बड़ा आकर्षण प्रोसेस है। किरदार में ढलना, अपने आप को एक्सप्लोर करना। रिलीज कहां होगी, वह निर्माता का काम है। मैं अपना काम पूरी ईमानदारी से करता हूं।
विनोद भानुशाली
सवाल: आपकी पिछली फिल्में काफी मैसेज ओरिएंटेड और ट्रू फैक्ट्स पर बेस्ड रही हैं। क्या आप ऐसी फिल्में करते हैं जो समाज में बदलाव ला सकें?
बिलकुल। हमारी कंपनी हमेशा ऐसी कहानियां ढूंढती है जो बताई जानी चाहिए। Costaw भी एक आम आदमी की कहानी है जो कस्टम डिपार्टमेंट में था, लेकिन उसने देश के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी। 90 के दशक में डेढ़ हजार किलो सोने की स्मगलिंग के केस में उन्होंने अकेले रेड की थी। ये पहला मौका है जब कस्टम डिपार्टमेंट पर फिल्म बनी है। डेढ़ हजार किलो सोना, जिसकी कीमत आज के हिसाब से लगभग 1500 करोड़ है, उसने सिंगल हैंडेडली पकड़ा था और नवाज भाई ने जब इस किरदार को निभाया, तो ऐसा लगने लगा कि वाकई वही हैं। उनकी तैयारी देखकर लोग कहने लगे, ये नवाज़ुद्दीन कहां हैं?
सवाल: फिल्म आपके लिए खास क्यों है?
यह फिल्म इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें दिखाया गया है कि एक आम आदमी, अगर सच्चाई के साथ खड़ा हो जाए, तो सिस्टम से भी लड़ सकता है।
सेजल शाह
सवाल: बतौर डेब्यू डायरेक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ काम करना क्या यह डबल प्रेशर था?
आप जब टॉप एक्टर कहते हैं तभी प्रेशर आता है। लेकिन सच कहूं तो नवाज़ुद्दीन सर जैसे एक्टर के साथ काम करना मेरे लिए आसान हो गया, क्योंकि मुझे एक्टिंग का टेंशन नहीं था। वह स्टार नहीं, एक एक्टर हैं और बहुत सहजता से काम करते हैं।
सवाल: फिल्म 90s के दौर पर आधारित है। इतने सारे रीयल इंसिडेंट्स में से क्या दिखाना है, ये तय करना कितना कठिन था?
बहुत कठिन था। Costaw से मिलने और उन्हें फिल्म के लिए मनाने में ही डेढ़ साल लग गए। फिर रिसर्च और स्क्रिप्ट लिखने में दो साल लगे। हमने एक खास घटना पर फोकस किया जिससे उनकी जिंदगी बदल गई। उनकी जिंदगी में इतनी अनोखी घटनाएं थीं कि कुछ तो हमने इसलिए नहीं दिखाईं क्योंकि लोग उसे ‘फिल्मी’ कह देते।
सवाल: फिल्म आपके लिए किस मायने में खास है?
Costaw हमेशा हंसते रहते थे। जब उन्होंने सबसे बड़ी रेड की थी, उन्हें बहुत बड़ा ब्राइब ऑफर किया गया था — आज के हिसाब से करोड़ों का। लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया। वह आज भी एक सिंपल ज़िंदगी जीते हैं, और वही ईमानदारी उनके किरदार की जान है।