Movie Review: हास्य-व्यंग से तगड़ा ज्ञान दे जाएंगे 'भजन कुमार' बने विक्की कौशल, मजेदार है The Great Indian Family
punjabkesari.in Friday, Sep 22, 2023 - 01:34 PM (IST)
फिल्म- द ग्रेट इंडियन फैमिली (The Great Indian Family)
डायरेक्टर- विजय कृष्णा आचार्य (Vijay Krishna Acharya)
स्टारकास्ट- विक्की कौशल (Vicky Kaushal), मानुषी छिल्लर (Manushi Chhillar), मनोज पाहवा (Manoj Pahwa), कुमुद मिश्रा (Kumud Mishra),यशपाल शर्मा (Yashpal Sharma)
रेटिंग- 4*/5
The Great Indian Family: धर्म से जुड़ी कोई गलतफहमी व्यक्ति को किस तरह समाज और परिवार से अलग-थलग कर देती है और समाज एंव परिवार का नजरिया कैसे उसके प्रति बदल जाता है? यश राज बैनर के तहत बनी नई कॉमेडी ड्रामा फिल्म 'द ग्रेट इंडियन फैमिली' में यही दिखाया गया है, जो आज यानी 22 सितंबर को सिनेमाघरों में रीलीज हो गई है। फिल्म की खास बात यह है कि फिल्म में धर्म के नाम पर हो रहे प्रपंचों पर हास्य-व्यंग के माध्यम से अच्छा प्रहार किया गया है। फिल्म के निर्देशक विजय कृष्ण आचार्य हैं जो टशन और धूम फ्रेंचाइजी के जरिए पहले से ही अपनी कला के जौहर दिखा चुके हैं। आइए जानते हैं इसकी कहानी...
कहानी
फिल्म की कहानी बलरामपुर के रहने वाले भजन कुमार (विक्की कौशल) की है, जो एक पुश्तैनी पंडित परिवार से ताल्लुक रखता है। यह परिवार शहर में पूूजा- पाठ और भजन-कीर्तन आदि करवाने का काम करवाता है। भजन कुमार युवा हैं और धार्मिक सिंगर होने के कारण शहर के लोगों मेंं इनकी काफी चर्चा है। चूंकि युवा होने के कारण ये दिलफेंक भी हैं इसलिए इधर-उधर अपना चक्कर चलाते रहते हैं। इनकी जिंदगी में एक जबरदस्त मोड़ तब आता है जब इनके परिवार को एक गुमनाम पत्र मिलता है, जिसमें लिखा होता है कि भजन कुमार ब्राह्मण नहीं बल्कि मुस्लमान है, और इनका नाम बादशाह खान है । इसके बाद समाज और खासकर परिवार का नजरिया भजन कुमार के प्रति पूरी तरह से बदल जाता है। अब कहानी में आगे क्या होता है? भजन कुमार को किन किन समस्याओं से जूझना पड़ता है? यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
एक्टिंग
फिल्म में हर एक कलाकार ने शानदार एक्टिंग की है, फिर चाहे वो लीड एक्टर्स हों या सपोर्टिंग एक्टर्स। भजन कुमार का किरदार विक्की कौशल ने अपनी अभिनय से सजीव कर दिया है। उनके हाव-भाव और डायलॉग डिलीवरी जबरदस्त है। इनके अपोजिट मानुषि छिल्लर काफी सुंदर लगी है और उन्होंने शानदार एक्टिंग की है। कुमुद मिश्रा और मनोज पाहवा मंझे हुए कलाकार हैं और अपने सपोर्टिंग रोल्स से उन्होंने फिल्म को पूरी तरह सपोर्ट किया है। सादिया सिद्दकी और अल्का आमीन अनुभवी कलाकार हैं जिन्होंने अपने-अपने किरादारों के साथ पूरा न्याय किया है। फिल्म में भुवन अरोड़ा, और शरिष्ठी दीक्षित ने अपने-अपने रोल बखूबी निभाये हैं।
निर्देशन
फिल्म का निर्देशन विजय कृष्ण आचार्य का है जो एक मंझे हुए निर्देशक हैं। अपने काम को वो बखूबी जानते हैं इसलिए फिल्म के पहले सीन से लेकर आखिरी सीन तक कमाल का निर्देशन किया है। कहा जा सकता है कि दर्शक अवश्य ही सीट से चिपके रहने पर मजबूर होंगे। फिल्म ज्यादा लंबी नहीं है और न ही फिल्म में ज्यादा गाने हैं। फिल्म के जरिए जो बात कहने की कोशिश की गई है सिर्फ वही बात कही गई है। अगर टेक्निकल पक्ष की बात करें तो फिल्म की एडिटिंग भी सटीक है। कहीं भी फिल्म नीरस और बेवजह खींची हुई नहीं लगती है। फिल्म में हर कलाकार ने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है। फिल्म के कुछ सीन्स काफी कलरफुल हैं जो यश राज बैनर की खासियत भी है। डायलॉग्स दमदार हैं, गीत संगीत भी ठीक-ठाक है।