Review: द्वेष और बदले की भावना के Dvand में फंसे संजय मिश्रा और इश्तियाक खान, पढ़ें कैसी है फिल्म
punjabkesari.in Friday, Sep 29, 2023 - 04:57 PM (IST)
फिल्म- द्वंद द इंटरनल कॉन्फ्लिक्ट (Dvand The Internal Conflict)
निर्देशक- इश्तियाक खान (Ishtiyak Khan)
स्टारकास्ट- संजय मिश्रा (Sanjay Mishra), इश्तियाक खान (Ishityak Khan), विक्रम कोचर (Vikram kochhar), विश्वनाथ चटर्जी (Vishwanath chatterjee)
रेटिंग- 3.5
Dvand The Internal Conflict: जिंदगी के अलग-अलग फलसफों को समझाती फिल्म 'द्वंद द इंटरनल कॉन्फ्लिक्ट' आज यानी 29 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। यह फिल्म शेक्सपियर के पॉपुलर नाटक 'ओथेलो' की कॉमिक टेक है, जिसे इश्तियाक खान ने लिखा और निर्देशित किया है। फिल्म में संजय मिश्रा, विक्रम कोचर, विश्वनाथ चटर्जी, फैज़ खान, आशीष शुक्ला और धीरेंद्र द्विवेदी जैसे बेहतरीन एक्टर्स हैं। खुद इश्तियाक खान ने भी इसमें अभिनय किया है। आइए जानते हैं फिल्म की कहानी...
कहानी
कहानी गांव की पृष्ठभूमि पर आधारित है जहां भोला (इश्तियाक खान) और उसके साथी दोस्तों को अभिनय का बहुत शौक होता है। आलम यह है कि 'ओमकारा' फिल्म देखने के बाद ये लोग बिल्कुल किरदारों में घुस जाते हैं। ऐसे में सभी मिलकर एक नाटक करने का फैसला करते हैं और शहर से गुरूजी (संजय मिश्रा) को नाटक का निर्देशन करने के लिए बुलाया जाता है। पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ जाती है कि गांव में नाटक बनने वाला है। लेकिन मुसीबत ये होती है कि नाटक में अभिनय करने के लिए एक नायिका की भी जरूरत होती है लेकिन गांव में ऐसी कोई महिला नहीं है जिसे अभिनय करना आता हो, सिवाए रजिया के। रजिया का पति सुलेमान थोड़े पिछड़े विचारों का है। सुलेमान को किसी तरह नाटक के लिए राजी कर लिया जाता है। लेकिन जब किरदार निभाने की बात आती है तो भोला को उसके मन मुताबिक किरदार नहीं मिल पाता। बस यहीं से भोला के मन में गुरुजी के प्रति द्वेष की भावना उठने लगती है। क्या भोला गुरुजी का दिया किरदार निभाएगा या कोई नई साजिश की योजना बनाएगा? यह जानने के लिए तो आपको फिल्म देखनी होगी।
एक्टिंग
'द्वंद द इंटरनल कॉन्फ्लिक्ट' की पूरी कमान संजय मिश्रा के हाथों में है। उन्होंने निर्देशक गुरू जी के किरदार को बेहतरीन तरीके से निभाया है। वहीं फिल्म के निर्देशक इश्तियाक खान ने बतौर एक्टर फिल्म में बेहतरीन अभिनय किया है। भोला के किरदार को उन्होंने जिया है। विक्रम कोचर और विश्वनाथ चटर्जी ने भी बढ़िया काम किया है। बाकी कलाकारों ने भी अपने किरदारों के साथ न्याय किया है।
डायरेक्शन
इस फिल्म के निर्देशक इश्तियाक खान ने फिल्म का निर्देशन काफी अच्छे ढंग से किया है। उन्होंने संजय मिश्रा सहित बाकी एक्टर्स से बेहतरीन काम लिया है। हालांकि कहीं-कहीं कुछ सीन बेवजह के लगते हैं। बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है लेकिन रिहर्सल के सीन लंबे खींचने की कोशिश की गई है। कहानी में कुछ नया भी किया जा सकता था।