Review: मिनी फीचर फिल्म ''रेड लेटर'': अभिनेता-निर्देशक अजीत अरोरा का असरदार डेब्यू

punjabkesari.in Sunday, Aug 10, 2025 - 12:38 PM (IST)

फ़िल्म समीक्षा: रेड लेटर
कलाकार: अजीत अरोरा, कृष्णा ठाकुर, जावेद अहमद खान
निर्देशक: अजीत अरोरा
निर्माता: अजीत अरोरा
प्लेटफॉर्म: शेमारू मी
रेटिंग: 3*

रेड लेटर: ओटीटी के इस दौर में फ़िल्मकारो को प्रयोग करने के काफी अवसर मिल रहे हैं और इस क्रिएटिव आजादी के कारण कुछ बेहतरीन कंटेंट सामने आ रहे हैं। 9 अगस्त 2025 से शेमारू मी पर स्ट्रीम हो रही "रेड लेटर" एक प्रयोगात्मक सिनेमा है। एक बेहद ही इमोशनल कहानी पर आधारित फ़िल्म मनोरंजन के साथ ही दबे हुए सामाजिक मुद्दे बहुत ही स्ट्रांगली संदेश देने में सफल रहती हैं। तीन अहम किरदार, खूबसूरत लोकेशन, हॉलीवुड फ़िल्मों जैसा वीएफ़एक्स और एक अनप्रिडिक्टेड क्लाइमेक्स इसे एक मिनी फीचर फिल्म जैसा एंटरटेनमेंट देती है। सिर्फ 37 मिनट की ये फिल्म एक अलग ही अनुभव देती है जिसके निर्देशक अजीत अरोरा ने इस मे मुख्य भूमिका भी निभाई है।

कांस फ़िल्म कई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में य़ह फिल्म ऑफिशियल सेलेक्शन, नॉमिनेशन या अवॉर्ड पा चुकी है. कश्मीर की वादियों में शूट की गई यह थ्रिलर फिल्म अपनी कहानी, निर्देशन और प्रस्तुति की वजह से देखने लायक है। फिल्म एक ऐसे सोशल सच को उजागर करती है, ऐसे मुद्दे पर बात करती है, जिसे लोग अब भी नजर अंदाज करते आ रहे हैं। 

कहानी
फिल्म की कहानी एक ऐसे व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका सामना उसके अतीत के एक ऐसे राज़ से होता है जो समाज में आज भी मौजूद है। अतीत की वो यादें उसके वर्तमान और भविष्य दोनों के लिए ख़तरा बन जाती हैं, खामोशी, पीड़ा, घुटन और इन्साफ पाने के संघर्ष के बीच वह उलझ जाता है। ऐसी भयानक यादों से ग्रस्त उस शख्स के लिए आगे बढ़ने का एक ही रास्ता बचता है, समाज में अभी भी छिपी उस बुराई का सामना करना। वह व्यक्ति उस छिपे अंधेरे का सामना करने और उस राक्षस को नष्ट करने का निर्णय लेता है जो लंबे समय से सज़ा से बचता रहा था।

निर्देशन
फिल्म के लेखक निर्देशक अजीत अरोरा इस थ्रिलर ड्रामे को बड़ी संवेदनशीलता और  शिद्दत से पर्दे पर उतारने मे सफल रहे हैं. फिल्म के हर दृश्य और हर फ्रेम को बड़ी कुशलता से क्रिएट किया है जो दर्शकों के दिल को छू जाती है।

एक्टिंग
जहां तक ऐक्टिंग की बात है, मुख्य चरित्र अभि को अजीत अरोरा ने बहुत ही नेचुरल ढंग से निभाया है। अभी के किरदार में कई लेयर हैं वह एक कोमल ह्रदय पति हैं जो अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता हैं अपने होटल के कर्मचारियों से लगाव रखता हैं लेकिन उसके अंदर अपने बचपन में हुए बुरी यादे भी है जो उसे एक अलग इंसान बनाता हैं अजित इस दोहरे चरित्र को बहुत ही प्रभावशाली ढंग से परदे पर दिखाने में कामयाब रहते हैं निर्देशन के साथ  मुख्य किरदार निभाना आसान नहीं होता पर अजीत ने इस चुनौती भरे कार्य को प्रभावी रूप से किया है। कृष्णा ठाकुर, जावेद अहमद खान ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ इन्साफ किया है।      
             

इस मिनी फीचर फिल्म में संगीत की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। विशेषकर जावेद अली की आवाज़ में फिल्माया गया गाना फिल्म के भावनात्मक पहलू को उजागर करता है, जबकि इसका बैकग्राउंड कहानी को असरदार बनाने मे सहायक सिद्ध हुआ है। 'रेड लेटर' एंटरटेनमेंट के साथ साथ आपको एक महत्वपूर्ण सामाजिक बुराई के प्रति सोचने पर भी मजबूर करती है. जावेद अली का गाना भी याद रह जाता हैं।  करीब पौने  घंटे की यह मिनी फीचर फिल्म आपको एक फीचर फिल्म का मनोरंजन देने में कामयाब रहती है।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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