ईशा कोप्पिकर अपनी अगली फिल्म ''रॉकेटशिप'' में निभाएंगी एक मां का किरदार, पढ़ें डिटेल्स

punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 06:36 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। नवोदित कलाकारों को प्रोत्साहित करने में हमेशा आगे रहने वाली ईशा कोप्पिकर ने एक बार फिर युवा प्रतिभाओं के समर्थन में अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। अभिनेत्री, जो नए और उभरते टैलेंट को बढ़ावा देने की पुरजोर समर्थक रही हैं, उन्होंने एक बार फिर सुभाष घई के प्रतिष्ठित संस्थान व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल अकेडमी में फिल्म निर्माण के छात्रों को अपना प्यार और समर्थन देकर यह सिद्ध किया है। 

यह प्रतिभाशाली अभिनेत्री छात्रों के डिप्लोमा प्रोजेक्ट 'रॉकेटशिप' में अभिनय कर उन्हें अपनी अनुभवपूर्ण उपस्थिति और स्टार पॉवर के जरिए सहयोग प्रदान किया है, जिससे इन नवोदित फिल्मकारों की रचनात्मक दृष्टि को साकार करने में मदद मिली है। 

ईशा कहती हैं, “जब छात्रों ने मुझसे संपर्क किया, तो मैं इस प्रोजेक्ट में उनका साथ देने के लिए निःसंकोच तैयार हो गई। इन बच्चों में अपार क्षमता है, जो उस वक्त साफ़ नजर आई जब इन्होंने मुझे अपनी कहानी और स्क्रिप्ट सुनाई। मैं इन बच्चों से खुद को जोड़ पाती हूं क्योंकि इन्होंने भी सब कुछ ज़ीरो से शुरू किया है, ठीक वैसे ही जैसे मैंने किया था। मेरे पास इंडस्ट्री में कोई गॉडफादर नहीं था। इसलिए जब मैं इन्हें अपने सपनों की शुरुआत करते देखती हूँ, तो वो मेरे लिए प्रेरणादायक और संतोषजनक अनुभव होता है।”

आज रॉकेटशिप का पहला पोस्टर जारी किया गया, जो यह दर्शाता है कि यह फिल्म एक भावनात्मक और दिल को छू लेने वाली कहानी पेश करेगी जैसी दर्शकों ने पहले शायद ही कभी देखी हो। फिल्म में मां-बेटी के रिश्ते को केंद्र में रखा गया है, और ईशा कोप्पिकर का किरदार विशेष रूप से दर्शकों की भावनाओं को झकझोरने के लिए गढ़ा गया है।

यह फिल्म व्हिसलिंग वुड्स के छात्रों की अकादमिक यात्रा का एक समापन प्रोजेक्ट है, और एक प्रतिष्ठित अभिनेत्री जैसे ईशा की भागीदारी इस प्रोडक्शन को ऊँचाई प्रदान करती है, साथ ही छात्रों को इंडस्ट्री का वास्तविक अनुभव भी मिल रहा है। उनका इस शैक्षिक पहल का हिस्सा बनना यह दर्शाता है कि वे मेंटरशिप और व्यावहारिक अनुभव की महत्ता को भलीभांति समझती हैं, जो आने वाली पीढ़ी के फिल्म निर्माताओं और कहानीकारों के विकास के लिए बेहद आवश्यक है।

 

 

 

 

 

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ईशा की यह भागीदारी सिर्फ एक अभिनय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक खूबसूरत सहयोग का प्रतीक है जहां उनका अनुभव युवा दिमागों को दिशा देता है और युवाओं की नई सोच व नवाचार उनके खुद के रचनात्मक सफर को भी प्रेरित करती है। स्थापित और उभरती प्रतिभाओं के इस मेल से एक ऐसा सीखने का माहौल बनता है जहाँ पारंपरिक फिल्म निर्माण की समझ और आधुनिक कहानी कहने की तकनीकें एक-दूसरे को समृद्ध करती हैं।

जैसे-जैसे रॉकेटशिप रिलीज़ की ओर बढ़ रही है, यह फिल्म छात्रों की प्रतिभा और ईशा की भावनात्मक प्रस्तुति का प्रतीक बन रही है जो सहयोग की शक्ति और भारतीय सिनेमा के भविष्य में अनुभवी कलाकारों की भागीदारी के महत्व को दर्शाती है।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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