Exclusive Interview: सपनों की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती, यही है Tarla की कहानी : हुमा कुरैशी
punjabkesari.in Wednesday, Jul 05, 2023 - 05:27 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। हमने स्पोर्ट्स पर आधारित कई बायोपिक्स देखी हैं, लेकिन इस बार पर्दे पर ऐसी फिल्म आने वाली है जो देश की पहली होम शेफ तरला दलाल की जिंदगी पर आधारित है। इस फिल्म में अभिनेत्री हुमा कुरैशी और शारिब हाशमी अहम किरदारों में नजर आएंगे। बता दें कि तरला दलाल होम शेफ के साथ-साथ वह एक फूड राइटर भी थी। उन्होंने कई कुकिंग शोज होस्ट करने के अलावा कुकिंग पर 100 से भी ज्यादा किताबें लिखी थीं। तरला शाकाहारी थीं और वह शाकाहारी व्यंजनों के लिए जानी जाती थीं। उन्हें खाने से एक अलग ही प्यार था और इसी वजह से तरला को अपनी एक अलग पहचान मिली थी। फिल्म 7 जुलाई को ओ.टी.टी. प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज होगी, जिसका निर्देशन पीयूष गुप्ता ने किया है। वहीं फिल्म के बारे में हुमा कुरैशी और शारिब हाशमी ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की।
हुमा कुरैशी
मूवी का एक सीन है, जहां आप सोचती हैं कि शादी के 12 साल हो गए और अभी तक समझ नहीं आ रहा कि लाइफ में करना क्या है?
क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है जब पता नहीं होता है, आगे लाइफ में क्या करना है? - मुझे लगता है हर कोई लाइफ के इस फेज से जरूर गुजरा होगा। हर कोई अपनी लाइफ में कुछ न कुछ हासिल करना चाहता है। बस फर्क यही है कि कुछ लोगों को आइडिया जल्दी आता है और कुछ को देर लगती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप खुद को साबित नहीं कर पाए। फिल्म में भी यही चीज दिखाई गई है कि अगर आपका कोई सपना है तो इसकी कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती। आप कभी भी किसी भी उम्र में अपने सपने को पूरा कर सकते हैं।
देश की सभी हाऊस वाइफ के लिए क्या सलाह देना चाहेंगी आप?
- आज भी लड़कियों को यही बोला जाता है कि पहले शादी कर लो, फिर जो करना है फिर कर लेना। मैं बस यही कहना चाहूंगी कि तरला जी ने इतना काम किया कि उन्हें पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया। मैं उम्मीद करती हूं हमारी यह फिल्म देखकर बाकी लोग भी प्रभावित हों।
तरला दलाल की भूमिका निभाना आपके लिए कितना चैलेंजिंग रहा?
- होमवर्क करने के लिए मुझे ज्यादा समय मिला नहीं। जब पीयूष मेरे पास आए तो वह एक मशहूर हॉलीवुड एक्ट्रेस की बायोपिक का आइडिया लेकर आए। कुछ कारणों की वजह से राइट्स मिल नहीं पाए।
इसलिए उन्होंने फिर तरला दलाल पर बायोपिक बनाने का सोचा।
फिल्म के दौरान का कोई यादगार पल जो आप शेयर करना चाहेंगी?
- वैसे तो बहुत सी बातें हैं, लेकिन एक बार शूटिंग देर रात तक चली, उस दौरान सेट पर माहौल बहुत खुशनुमा था। उस दौरान शारिब ने भी एक बेहतरीन परफॉर्मेंस दिया था, तब मुझे पता चला कि वह किशोर कुमार जी को बहुत अच्छे से कॉपी करते हैं।
इस फिल्म से लोगों को क्या सीख मिलेगी?
- फिल्म भले ही खाने पर आधारित है, लेकिन यह खाने के जरिए कई सारे मुद्दों को उजागर करती है। कहानी में हाउसवाइफ के लक्ष्य, रिश्तों, पति के सहयोग को दर्शाया गया है।
तरला दलाल की कहानी पर आधारित इस फिल्म से आपको क्या उम्मीदें है?
- हम एक्टर्स हमेशा से यही कोशिश करते हैं कि हम अपने हर काम को जी-जान से करें। इस फिल्म के साथ भी हमने यही किया है। हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा दर्शक इस फिल्म को देखें।
शारिब हाशमी
हुमा के साथ काम करने का एक्सपीरियंस कैसा रहा?
- इस फिल्म में मुझे हुमा के साथ पहली बार काम करने का मौका मिला। यह एक बेहतरीन को-एक्टर हैं। मेरे सीन्स को भी परफेक्ट करने के लिए हुमा डायरेक्टर को आइडियाज देती रहती थीं। यह कभी ऐसा नहीं सोचतीं कि हर सीन मुझे ही मिले या मैं ही करूं। किसी भी फिल्म को हुमा जी-जान से करती हैं।
बॉलीवुड में हमने स्पोर्ट्स पर कई सारे बायोपिक देखें, लेकिन तरला में एक कुक की कहानी को दिखाया गया है? कैसा रहा एक्पीरियंस?
- मैं बहुत खुश हूं कि मैं इस प्रोजेक्ट का हिस्सा हूं, क्योंकि अभी तक बॉलीवुड में कोई भी फिल्म खाने पर नहीं बनी है। अब मुझे लगता है कि किसी ने क्यों अभी तक इतनी महान हस्ती के ऊपर फिल्म नहीं बनाई।
फिल्म की शूटिंग के दौरान आपने क्या-क्या नई चीजें बनाना सीखा?
- मैंने शूटिंग के दौरान बटाटा मुसल्लम, गोभी 65, रगड़ा पैटीज जैसी कई बेहतरीन डिशेज बनाना सीखा। यह सब आप फिल्म देखकर समझ जाएंगे। बायोपिक के मुकाबले एक फिक्शनल मूवी में थोड़ी रिसर्च कम होता है।