Exclusive Interview: ''लाइफ लॉजिक का नहीं, मैजिक का खेल है'' - अभिषेक बच्चन
punjabkesari.in Monday, Aug 14, 2023 - 04:32 PM (IST)

नई दिल्ली। अभिनेता अभिषेक बच्चन जल्द फिल्म 'घूमर' में नजर आने वाले हैं। इसमें उनके साथ सैयामी खेर मुख्य भूमिका निभा रही हैं। 'चीनी कम', 'पा' और 'पैडमैन' जैसी फिल्में बनाने वाले मशहूर डायरेक्टर आर. बाल्की ने फिल्म को डायरेक्ट किया है। यह एक स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म है, जिसमें अभिषेक कोच का किरदार निभा रहे हैं। वहीं सैयामी खिलाड़ी के रूप में नजर आएंगी। हाल ही में रिलीज हुए फिल्म के ट्रेलर को काफी पसंद किया जा रहा है। फिल्म 18 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म के मुख्य किरदार अभिषेक बच्चन और सैयामी खेर ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/ जगबानी/हिंद समाचार से खास बातचीत की।
Abhishek Bachchan
असल ज़िन्दगी में आप किससे ज्यादा इत्तेफाक रखते हो लॉजिक से या मैजिक से?
देखिए, हम कलाकार लोग हैं। हमारा जीवन मैजिक से भरा हुआ है। अगर देखें तो कोई वजह नहीं है कि हम लोग यहां बैठे हैं और यह काम कर रहे हैं, इस हिसाब से मैं कहूं तो लाइफ लॉजिक का खेल नहीं है, लाइफ मैजिक का खेल है, क्योंकि जिस वक्त आप लॉजिक का इस्तेमाल करेंगे उस वक्त आप हमेशा पिटेंगे।
अब तक के अपने फिल्मी करियर में आप में पहले और अब में क्या बदलाव आया?
मुझमें ज्यादा कुछ बदलाव नहीं आया है, चाहे बतौर एक्टर हो या फिर बतौर इंसान। अभी बहुत कुछ करना, बहुत कुछ सीखना और बहुत कुछ पाना बाकी है। इसलिए मेहनत के साथ आगे बढ़ते जा रहे हैं।
क्या आपके अंदर कोई कोच वाली क्वालिटी है?
जी देखिए, मैं स्पोर्ट्स का बहुत बड़ा फैन रहा हूं और मैंने थोड़ा बहुत स्पोर्ट्स खेला भी है। फिल्म इंडस्ट्री के मेरे कुछ दोस्त हैं जो फुटबॉल के बहुत बड़े फैन थे तो हमने 10 साल पहले प्लान किया कि क्यों न हम लोग रविवार को फुटबॉल खेलना शुरू करें। फिर हमने फुटबॉल की टीम बनाई और मैच खेलना शुरू किया। फुटबॉल मैच खेलकर 10 करोड़ रुपए चैरिटी की है हम चैरिटी के लिए मैच खेलते थे। आज तक हमने करीब 10 करोड़ रुपए चैरिटी की है। हमारे लिए फिल्म इंडस्ट्री के कई एक्टर्स जैसे आदित्य रॉय कपूर, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अहान और कई सारे स्टार्स मैच खेलते हैं, तो कई बार मुझे चोट लगी है या मैं खेल नहीं सकता तो मैं कोच बनता था। इसलिए मुझे कोच के बारे में बहुत कुछ पता है और मेरे अंदर कोचिंग की सबसे ज्यादा अच्छी बात यह थी कि मैं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करता था। मैं टीम में सबसे सीनियर भी था तो मैं उन पर चिल्ला भी देता था तो सब मान लेते थे कि कोच ने बोला है। मुझे पता है कोच बनना क्या है और कैसा है, लेकिन इस फिल्म में कोच बिल्कुल अलग ही तरह का है, जिसे देखकर सब यही सोचते हैं कि यह आखिर कोच कैसे बन गया, जो आपको फिल्म में पता चलेगा।
क्या आपने कभी बिना स्क्रिप्ट पढ़े कोई फिल्म साइन की है?
मैंने ज्यादातर ऐसी ही फिल्में की हैं। मैं ज्यादातर फिल्में अपने दिल की सुनकर करता हूं। मैंने हमेशा माना है कि ज्यादा कुछ सोचेंगे तो उससे कुछ नहीं होगा। फिर वही बात दोहराना चाहूंगा कि लॉजिक से कुछ नहीं होने वाला है, मैजिक से ही होगा। मुझे लगता है हमें यह सोचते हुए भी फिल्में करनी चाहिए कि चलो देखते हैं आगे क्या होता है। इसलिए ज्यादातर मैंने बिना स्क्रिप्ट पढ़े ही फिल्मों के लिए हां कहा और वह की भी हैं।
Saiyami Kher
क्या आपने कभी सोचा था कि इतने कम वक्त में आप इतना कुछ अचीव कर लेंगी?
सबसे पहले तो मैं कहना चाहूंगी कि मैंने ऐसा कुछ भी अचीव नहीं किया है। मैं हाल ही की बात बताऊं तो हम के.बी.सी. के लिए अमित जी के साथ शूट कर रहे थे तो उन्हें देखकर लगा कि वह अचीवमेंट हैं। उसे ही असली अचीव करना कहते हैं। मुझे ऐसा लगता है कि अगर आपने कुछ अचीव कर लिया हो तो फिर एक्टिंग बंद कर दो। हां, लेकिन अगर इन 7 सालों में मैंने कुछ पाया है तो वह हैं मेरे दोस्त, जिन्हें मैं परिवार कह सकती हूं। मेरे लिए खास बात यह है कि हर फिल्म के साथ एक नई फैमिली बन जाती है, जिनसे भी आप उस बीच मिलते हो।
आपने फिल्म में अपने किरदार के लिए कैसे तैयारी की?
इसके लिए मैंने काफी मेहनत की। बाल्की सर को क्रिकेट की काफी जानकारी है, जो मेरे काफी काम आई। सैयामी हंसते हुए बोलीं बाल्की सर हमेशा काफी जल्दी में रहते हैं तो अगर आप उनसे कुछ कहते हैं तो वह बोलते हैं कि तु ही देख ले। मतलब डिस्कशन का मौका ही नहीं देते हैं, लेकिन किरदार की बात करूं तो फिजिकली तो यह मेरे लिए काफी चैलेंजिंग था। मैंने कई पैरा एथलीट से भी बात की और इस किरदार के लिए उनसे मुझे बहुत सीख मिली। मैंने अपनी तरफ से भी इसके लिए बहुत अच्छा करने की कोशिश की है।