EXCLUSIVE INTERVIEW: ''चाहे आप जैसे दिखते हों, लंबे, काले, गोरे, छोटे, मोटे, पतले हो, कोई न कोई कुछ तो कहेगा आपको''

punjabkesari.in Monday, Nov 07, 2022 - 02:10 PM (IST)

मुंबई। बॉडी शेमिंग हमारी सोसाइटी का हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। ये सिर्फ मोटापे को लेकर ही नहीं बल्कि लंबाई, रंग, उम्र, बाल और कपड़े किसी भी चीज़ के बारे में भी हो सकता है। इसी विषय पर बनी फिल्म 'डबल एक्स.एल.' में बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा और हुमा कुरैशी नज़र आने वाली हैं।

हुमा कुरैशी, सोनाक्षी सिन्हा, जहीर इकबाल और महत राघवेंद्रा अपनी फिल्म 'डबल एक्स.एल.' को जोर-शोर से प्रमोट करने में लगे हुए हैं। प्रमोशन के लिए दिल्ली पहुंची स्टारकास्ट ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की।

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Q. आप 'डबल एक्स.एल.' के बारे में क्या कहना चाहेंगे ?

A. सोनाक्षी: मैं बहुत खुश हूं पिछले दो दिन में जितने भी, चंद लोगों को हमने यह फिल्म दिखाई है, उनका रिएक्शन आपकी ही तरह है। सभी यह कह रहे हैं कि वह इस फिल्म से रिलेट कर रहे हैं। न केवल महिलाएं, बल्कि पुरुष भी बाहर आकर कहते हैं कि वह भी कहीं न कहीं इससे रिलेट कर रहे हैं। चाहे आप जैसे दिखते हों, आप लंबे हो, काले हो, गोरे हो, छोटे हो, मोटे हो, पतले हो, कोई न कोई कुछ तो कहेगा आपको। सब लोग इससे गुजर चुके हैं। बॉडी शैङ्क्षमग हमारी फिल्म का सब्जेक्ट है। पर यह बहुत सारी दूसरी चीजों पर अप्लाई भी होता है। इसलिए यह बहुत इम्पोर्टेन्ट फिल्म भी है, जो आजकल सोसायटी में हो रहा है, चल रहा है, जिससे लोग गुजर रहे हैं, आई थिंक वो एक फिल्म में दिखाना हमारे लिए बहुत जरूरी था।

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Q. आपसे जानना चाहती हूं कि पहले जब फिल्में बनती थी तो हीरोइन कोई एक्स्ट्रा स्मॉल या स्मॉल साइज में नहीं होती थीं। उनकी एक्टिंग की तारीफ होती थी। आजकल इस तरह का टाइम आ गया है लुक्स मैटर करता है। आपकी परफॉर्मेंस, आपका काम बैक-सीट पर है?

A. सोनाक्षी: ऑनेस्टली, मेरे पास इस चीज का कोई एक्सप्लेनेशन नहीं है, सिवाय कि लोग शायद सुपरफिशल हो चुके हैं, जिस नजरिए से फिल्मों को देखते हैं या हीरोइन को देखते हैं, वह काफी बदल चुका है। आप जानती हैं एक्सपोजर भी बहुत हो चुका है। पहले आप हीरोइन को बस फिल्मों में देखते थे जो आपको स्क्रीन पर नजर आती थी। आजकल आप मैगजीन देख रहे हैं। इंटरनेट देख रहे हैं। सोशल मीडिया देख रहे हैं और बहुत सारी ऐसी चीजें जो आपका ध्यान भटका सकती हैं, उस असली रूप से। लोग इससे प्रभावित होते हैं। कमोडिफिकेशन एक शब्द है कि एक साबुन की टिकिया और एक लड़की में कोई फर्क नहीं है। छोटा चाहिए, बड़ा चाहिए, कितना बड़ा चाहिए, उसकी पैकेजिंग कैसी है, उस पर ज्यादा फोकस होता है। आई थिंक, लड़की और साबुन में कुछ तो फर्क होता है। बहुत अन्नैसरी प्रेशर है। चाहे वूमेन हो या ब्वॉयज। ये जो थॉट है जो दिखता है वो बिकता है, एकदम खोखला है। पहले के हीरो-हीरोइन में पर्सनैलिटी होती थी। उनकी एङ्क्षक्टग स्किल डायलॉग बोलने का अंदाज, डांस, वो कुछ भी कर रहे हैं, सब यूनीक होता था। इसलिए आज तक लोग उन्हें याद रखे हुए हैं।

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Q. ये फिल्म कैसे शुरू हुई है? और जब शूङ्क्षटग शुरू हो गई तो कोई सेकंड थॉट आया दिमाग में?

A. सोनाक्षी: जब स्क्रिप्ट आ गई और जहां से बात शुरू हुई थी, हुमा के लिङ्क्षवग रूम से, वहां हम सब बैठे थे। जहीर, साकेत, मुदस्सर, जिसने फिल्म लिखी है वो थे, हुमा और मैं। वहां से जो बात शुरू हुई और जब यह स्क्रिप्ट बनकर आ गई हमारे पास, लगा कि इससे बेहतर नहीं हो सकता। मैं साकेत के साथ दूसरी फिल्म कर रही थी वो फिल्म खत्म होते-होते ही मैंने खाना शुरू किया। दो महीने लगे वजन बढ़ाने में। वजन बढ़ाना आसान होता है लेकिन वजन कम करने के लिए काफी स्ट्रगल करना पड़ता है।

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Q. ट्रेलर में आपकी कैमिस्ट्री काफी अच्छी लग रही है। फिल्म की शूङ्क्षटग के दौरान एक-दूसरे के क्या एक्सपीरियंस थे। एक-दूसरे के बारे में क्या नया लर्न किया?

A. हुमा: महत के साथ कभी शॉपिंग पर मत जाओ, आपके पूरे पैसे खर्च करवाएगा। शॉपिंग का इतना शौकीन है, इसे देखकर आपको लगेगा कि मैं भी खरीद लूं क्या कुछ। मैं शूफी हूं लेकिन महत मुझसे भी बिगर शूफी है।

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Q. इस फिल्म के लिए आपने वजन भी बढ़ाया, कैसे बढ़ाया, कितना बढ़ाया। इसमें कुछ दिलचस्प है क्या? क्या गिलट भी होता था?

A. हुमा: सी-फूड डाइट लिया। गिलट तो नहीं हुआ लेकिन साइकोसिस हो गया था हम सबको। मेरा तो बस ऐसा था कि सब भड़ास निकालकर बस खाना है। अभी शूङ्क्षटग के एक-दो दिन पहले तक ऐसा ही था। इतना बचपन का एक बैगेज है ना कि आपको एक वीक गर्ल बोला गया है। आपको बोला गया आप दूसरी लड़कियों की तरह क्यों नहीं हो। ये सभी टैग आपके आगे लगाए गए हैं। थेरेपी सेक्शन ने बहुत मदद की इस कैरेक्टर को प्ले करने में। मैं जैसी हूं, बहुत सुंदर हूं। मैं ये कैरेक्टर प्ले कर रही हूं, उन लड़कियों के लिए जो इस सबसे गुजर रही हैं। मैंने 20 किलो वजन बढ़ाया है।

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Q. जाहीर आपसे मेरा सवाल है कि इस फिल्म की शूङ्क्षटग के समय सबसे टफ पार्ट क्या था आपके के लिए?

A. जाहीर: आई थिंक, रेसिस्टिंग इटिंग, क्योंकि इनको बोला गया था खाना खाओ। हमें बोला गया था कि इस फिल्म में दो ही डबल एक्स.एल. है। आप लोग मीडियम ही रहो। ये लोग खाते थे और हम लोग ऐसे देखते थे, हमको भी चाहिए। यही मुश्किल पार्ट था। इसके अलावा कैरेक्टर तो जैसा मैं हूं वैसा ही है। मेरी रियलिटी के बिल्कुल करीब है। इसलिए इसे पोट्रेट करना मुश्किल नहीं था। इन सभी के साथ काम करने में कोई मुश्किल नहीं हुई। को-स्टार : फिल्म में एक लाइन है 'चार्म और छिछोरेपन का फर्क नहीं समझती 'आप' जाहीर का चार्म खत्म होकर कब छिछोरापन शुरू होता है, ज्यादा अंतर नहीं है।

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Q. महत राघवेंद्रा आपका यह डेब्यू है ङ्क्षहदी फिल्म इंडस्ट्री में। आपके इतने अमेङ्क्षजग को-स्टार्स थे, इतनी डिफरैंट, इतनी स्पेशल फिल्म है। मैं जानना चाहती हूं आपका कैसा एक्सपीरियंस रहा?

A. महत: बहुत मस्ती मजाक किया। ये फिल्म स्पैशल है और इसके साथ ही मेरे दिल के करीब है। मैंने इन्हें तमिल सिखाई और इन्होंने मुझे ङ्क्षहदी।

 

 


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