ड्रामा और इमोशन के साथ हेल्थकेयर सिस्टम की सच्चाई दिखाती है सीरीज Emergency Room, पढ़ें रिव्यू
punjabkesari.in Sunday, Apr 06, 2025 - 12:42 PM (IST)

वेब सीरी : एमर्जेंसी रूम
कलाकार : अलिशा परवीन, आकाश प्रताप सिंह, नीलू डोगरा, शरत सोनू, विदुषी पराशर
निर्देशक : अखिल सचदेवा
निर्माता : मयंक यादव, शांतनु सिंह, करणवीर सोफ़त, अजित मनेरिकर
प्लेटफार्म : ऑलराइट यूट्यूब चैनल
रेटिंग : 3 स्टार
Emergency Room: किसी देश की मूलभूत सुविधाओं की लिस्ट में हेल्थकेयर का स्थान काफी ऊपर आता है। लेकिन हमारे देश में जनसंख्या और हेल्थकेयर वर्कर्स का अनुपात काफी ऊपर नीचे है जिसके कारण हेल्थकेयर वर्कर्स के ऊपर काफी वर्कलोड होता है लेकिन उनको और उनकी मेहनत को उतना सम्मान नहीं मिलता जिसके वह हकदार होते हैं। इन्ही हेल्थकेयर वर्कर्स के संघर्ष और वर्किंग लाइफ को भावनात्मक और मनोरंजक अंदाज में प्रस्तुत करता एक शो यूट्यूब पर रिलीज हुआ है जिसका नाम है "एमर्जेंसी रूम"। आइए जानते है कैसी है सीरीज एमर्जेंसी रूम।
कहानी
इस शो की पूरी कहानी त्रिशा के चारों ओर घूमती दिखाई पड़ती है, त्रिशा(अलिशा परवीन) एक नर्स है जो एक बड़े अस्पताल में काम करती है। एक रात जब त्रिशा अपनी ड्यूटी से फ्री होकर थोड़ा रीलैक्स कर रही होती है तभी उसके पास एक बहुत सीरीयस पेशेंट आता है जिसका बाइक से एक्सीडेंट हो गया है वह चोटिल मरीज की जान बचाने में लगी थी तभी रोगी के घबराए पिता त्रिशा पर चिल्ला देते हैं। फिर भी वह शांत रहती है क्योंकि उसे पता है कि डर गुस्से के रूप में बाहर आता है। यह सीन काफी ईमोशनल है और दर्शक इस सीन के जरिए हेल्थकेयर वर्कर्स की भावनाओं से खुद को जोड़ लेता है। इस बीच कहानी फ्लैश बैक में और वर्तमान में दोनों पीरियड्स मे चलती रहती है कि कैसे त्रिशा को नर्स बनने का शौक होता है और फिर वह कैसे कई चुनौतियों का सामना करते हुए यह कोर्स करती है। हर सीन में डायलॉग, एक्सप्रेशन और ईमोशन से दर्शक का कहानी के प्रति आकर्षण बढ़त जाता है साथ ही एंटेरटैनमेंट भी भरपूर मिलता है।
अभिनय और निर्देशन
शो के सभी ऐक्टर्स ने शानदार अभिनय किया है। खासकर मुख्य भूमिका मे अलिशा परवीन ने त्रिशा को जिया है। उनका अभिनय वास्तविक लगता है। शो की कहानी कहने का ढंग और इसका लेखन काबिल ए तारीफ है। कहानी मे वास्तविकता और जज्बात के बीच खूबसूरती से संतुलन बनाए रखा गया है।
सीमित बजट के बावजूद यह सादगी और प्रामाणिकता के साथ पेश की गई एक असरदार कहानी है। यह इस बात का सबूत है कि एक बेहतर कहानी के लिए बड़े बजट की नहीं बल्कि सच्चे दिल की जरूरत होती है। जमीन से जुड़ी कहानी के लिए प्रोडक्शन डिजाइन प्रभावी है।
क्यों देखें
कहते है फिल्में समाज का आइना होती है। यह शो इस लाइन को बखूबी दर्शाता है कि हमारा समाज हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए क्या सोच रखता है। यह शो आपको अपने अंदर झांकने पर मजबूर करेगा और शायद इस शो को देखने के बाद आपके मन में हेल्थकेयर वर्कर्स के प्रति सम्मान बढ़ जाएगा और उनको देखने की दृष्टि भी बदल जाएगी।