Review: दिलचस्प कहानी और मजेदार ट्विस्ट से भरपूर है सीरीज Divorce Ke Liye Kuch Bhi Karega, पढ़ें रिव्यू

punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2024 - 11:31 AM (IST)

वेब सीरीज-डिवोर्स के लिए कुछ भी करेगा (Divorce ke liye kuch bhi Karega) 
स्टारकास्ट- ऋषभ चड्ढा (Rishab Chadha)और एबिगेल पांडे (Abigail Pande)
निर्देशक-अंकुश भट्ट(Ankush bhatt)
ओटीटी- जी5 (ZEE5)
रेटिंग-3*

Divorce ke liye kuch bhi Karega: अगर आप भी कुछ हंसी-मजाक से भरपुर और मनोरंजक कुछ देखने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए ZEE5 पर रिलीज हुई सीरीज 'डिवोर्स के लिए कुछ भी करेगा' परफेक्ट रहेगी। ऋषभ चड्ढा और एबिगेल पांडे इस वेब सीरीज  में मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। दोनों एक न्यूज चैनल में काम करते हैं और पूरी सीरीज में आपको इनके भी खींचतान देखने को मिलेगी। आइए  जानते हैं अंकुश भट्ट क डायरेक्शन में बनी यह सीरीज कैसी है।

कहानी
यह सीरीज एक न्यूज चैनल के बैकड्रॉप में सेट की गई है, जिसमें दो मुख्य किरदार हैं अंशु, जो जूनियर एंकर है, और निक्की, जो सीनियर एंकर है। दोनों के बीच प्राइम टाइम एंकर बनने की खींचतान चलती है। फिर एक ट्विस्ट आता है, जिसमें दोनों की शादी हो जाती है और कहानी एक रोमांटिक ड्रामा में बदल जाती है। अब दोनों के बीच जंग कैसे शादी में बदल जाती है और कैसे उन्हें इस शादी को खत्म करने के लिए मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। यह देखना काफी दिलचस्प रहेगा। अब दोनों का डिवोर्स हो पाता है या नहीं इसके लिए आपको पूरी सीरीज देखनी होगी।

एक्टिंग
ऋषभ चड्ढा और एबिगेल पांडे सीरीज में मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। एबिगेल पांडे ने एक न्यूज एंकर का किरदार निभाया है और उनकी एक्टिंग में वह एटिट्यूड नजर आता है, जो कुछ न्यूज एंकरों में आम तौर पर देखने को मिलता है। वहीं ऋषभ चड्ढा ने भी अपने रोल में अच्छा प्रदर्शन किया है। हालांकि, सीरीज में इनके अलावा बाकी पात्रों का स्क्रीन टाइम बहुत कम है, जिससे उनकी एक्टिंग की ज्यादा चर्चा नहीं की जा सकती।

निर्देशन 
अंकुश भट्ट का निर्देशन औसत है। वे न्यूज चैनल के कार्यों और कार्यक्षेत्र की बारीकियों को सही तरीके से प्रस्तुत करने में विफल रहते हैं। अगर चैनल के माहौल पर आधारित कहानी को ज्यादा वास्तविक और मैच्योर तरीके से दिखाया जाता तो शायद यह कहानी ज्यादा प्रभाव छोड़ पाती। अगर इस कहानी को थोडे़ गहरे और परिपक्व तरीके से पेश किया जाता, तो इसे अधिक प्रभावी बनाया जा सकता था।

SOURCE: Navodayatimes 

 


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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