3 महीने की बच्ची के लिए सुषमा ने उठाई आवाज, पूछा- क्या कोई कर सकता है मदद

punjabkesari.in Wednesday, Sep 14, 2016 - 01:51 PM (IST)

लंदनः मैडीकल वीजा लेकर ब्रिटेन का एक कपल मुंबई आ तो गया लेकिन अब उनका वापिस जाना मुश्किल हो रहा है क्योंकि उनकी बेटी को मजबूरन यहां रहना पड़ रहा है। क्रिस और मिशेल न्यूमैन मुंबई में  मैडीकल वीजे पर आए थे। यहां सेरोगेसी से उनको एक बेटी हुई थी लेकिन अब उस बेटी को मुंबई के अनाथालय में भेजने की तैयारी की जा रही है। दरअसल ब्रिटेन सरकार की तरफ से बच्ची का पासपोर्ट बनाने में देरी हो रही है जिस वजह से बच्ची का जाना नामुमकिन सा हो गया है।

वहीं इस मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर इस ब्रिटीश जोड़े की समस्या पर लिखा कि क्या किसी सरोगेट बेबी की किस्मत में अनाथालय होना चाहिए? हालांकि क्रिस और मिशेल के मैडीकल वीसा की डेट आगे बढ़ा दी गई है लेकिन वह भी 7 अक्तूबर को एक्सपायर होने जा रही है। ऐसे में भारतीय अधिकारियों ने क्रिस और मिशेल से कहा कि अगर वे अपनी तीन महीने की बेटी लिली के साथ ब्रिटेन के लिए यात्रा करना चाहते हैं तो उन्हें 7 अक्तूबर तक ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स लाने होंगे, जबकि खबरों के मुताबिक, मुंबई में मौजूद ब्रिटिश वाणिज्य दूतावास ने आशंका जताई है कि इस ब्रिटीश जोड़े को उनकी बेटी लिली के जरूरी डॉक्यूमेंट्स 7 अक्तूबर तक शायद न मिल पाएं।

सुषमा स्वराज ने ब्रिटेन की सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ब्रिटेन में कमर्शियल सरोगेसी पर प्रतिबंध है…क्या ब्रिटिश सरकार इस सरोगेट बच्ची को ब्रिटिश पासपोर्ट देगी…? इतना ही नहीं, सुषमा स्वराज ने एक ट्वीट में उन लोगों पर भी सवाल उठाएं हैं जो मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए सरेागेसी कानून की आलोचना कर रहे थे। ट्विटर में सुषमा ने लिखा कि क्या कमर्शियल सरोगेसी की वकालत करने वाले अब इस मसले का कोई हल सुझा सकते हैं और इस बच्ची की मदद कर सकते हैं? लिली के पिता क्रिस इस बात से चिंतित हैं कि वे अपनी बेटी के साथ घर नहीं जा पा रहे हैं।


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