हजारों PTA शिक्षकों को सरकार ने दिया ‘झटका’

punjabkesari.in Monday, May 08, 2017 - 10:40 AM (IST)

शिमला : प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में 11 वर्षों से सेवाएं दे रहे 7,000 पी.टी.ए. शिक्षकों को राज्य सरकार ने करारा झटका दिया है। इन शिक्षकों के नियमितीकरण के लिए शिमला के पीटरहाफ में हुए राज्य स्तरीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कोई बड़ा ऐलान नहीं किया। अलबत्ता उन्होंने कानूनी जंग जीतने की जरूर सलाह दी। उन्होंने कहा कि सरकार कानूनी दायरे में रहकर ही कोई समाधान खोजेगी।  बकौल वीरभद्र सिंह मुकद्दमे न तो कुश्ती और न ही तीरंदाजी से जीते जाते हैं। उन्होंने कहा कि जो पी.टी.ए. शिक्षक अनुबंध पर नहीं आए हैं, उनके केस को सरकार एग्जामिन करेगी।  वीरभद्र सिंह ने कहा कि पी.टी.ए. एवं अनुबंध शिक्षक संघ ने जो भी सुझाव दिए हैं, सरकार उन पर गंभीरता से विचार करेगी लेकिन सरकार ऐसा कोई कार्य नहीं करेगी जो कोर्ट की अवमानना समझा जाए। उन्होंने पी.टी.ए. केस को उलझाने के लिए पूर्व भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। 
     
जोगटा ने दिया राजनीतिक भाषण
सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ के सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एस.एस. जोगटा खूब गरजे। उन्होंने यह तो कहा कि कर्मचारी महासंघ गैर-राजनीतिक है लेकिन भाषण राजनीति पर ही केंद्रित रहा। उन्होंने कहा कि वह न कांग्रेस के साथ हंै और न ही किसी अन्य दल के साथ। वह तो केवल वीरभद्र सिंह के साथ हैं। उन्होंने कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे वीरभद्र सिंह को 7वीं बार मुख्यमंत्री बनाने का प्रण लें। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकारों के समय में कर्मचारियों का उत्पीडऩ हुआ। इस दौरान महासम्मेलन में वीरभद्र सिंह को अगली बार फिर से मुख्यमंत्री बनाने के नारे भी लगे और यह कार्यक्रम राजनीतिक अखाड़े में तबदील हो गया।

सरकार आपके साथ है: विक्रमादित्य
हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ है। अब कर्मचारियों को कांग्रेस का साथ देने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि अनुबंध अवधि को कम करने को लेकर मुख्यमंत्री के व्हाट्स एप नम्बर, फेसबुक व सोशल मीडिया पर अनुबंध कर्मियों तथा अन्य के अनेक संदेश आ रहे थे। इससे पूर्व अनुबंध कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सूरज चौहान ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस दौरान अन्य सन्निर्माण व कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष बावा हरदीप सिंह और ए.पी.एम.सी. शिमला के अध्यक्ष महेंद्र स्तान भी मौजूद थे।


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