राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में अब नहीं होगी निगेटिव मार्किंग

punjabkesari.in Friday, Dec 08, 2017 - 02:53 PM (IST)

नई दिल्ली : राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने अगले साल मई में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (एनटीएस) स्तर दो की परीक्षा की रूपरेखा में बदलाव किये हैं । अब एनटीएस स्तर दो परीक्षा में तीन की बजाए दो पत्र होंगे और नकारात्मक अंक का प्रावधान नहीं रहेगा ।एनसीईआरटी के शैक्षणिक सर्वेक्षण संकाय के प्रपत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा की समीक्षा समिति की 30 अक्तूबर 2017 को हुई बैठक में 13 मई 2018 को होने वाली राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा स्तर दो के प्रारूप में कुछ बदलाव का निर्णय किया गया । एनटीएस स्तर दो के परिर्वितत प्रारूप के अनुसार, अब इस परीक्षा में तीन पत्रों की बजाए दो पत्र होंगे । इसमें भाषा परीक्षा के पत्र को समाप्त कर दिया गया है। प्रथम पत्र में मानसिक क्षमता परीक्षा ( मेंटल एबिलिटी टेस्ट) होगा जिसमें 100 अंकों के 100 प्रश्न होंगे । इस पत्र के लिये दो घंटे का समय निर्धारित किया गया है। पहले मानसिक क्षमता परीक्षा में 50 अंकों के 50 प्रश्न पूछे जाते थे और इसकी समय अवधि 45 मिनट होती थी ।  

दूसरा पत्र शैक्षणिक कौशल परीक्षा ( स्कालिस्टिक एप्टीट्यूट टेस्ट ) का होगा और इसमें पहले की तरह 100 अंक के 100 प्रश्न पूछे जायेंगे । इसमें विज्ञान के 40 प्रश्न, गणित के 20 प्रश्न और सामाजिक विज्ञान के 40 प्रश्न पूछे जायेंगे । इस परीक्षा की समय अवधि दो घंटे की होगी । राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा स्तर दो की परीक्षा में अब नकारात्मक अंक का प्रावधान नहीं होगा ।पहले इसमें नकारात्मक अंक का प्रावधान था और गलत उत्तर पर एक तिहाई अंक काट लिये जाते थे । राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा स्तर दो परीक्षा में दोनों पत्रों में अलग अलग पास होने वाले छात्रों को ही मेधा सूची में शामिल किया जायेगा । इसके लिये छात्रवृति पाने वालों का चयन मेंटल एबिलिटी टेस्ट और स्कालिस्टिक एप्टीट्यूट टेस्ट के कुल अंकों पर आधारित मेधा के आधार पर होगा ।   इन दोनों पत्रों में उत्तीर्ण होने के लिये अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और निशक्त वर्ग के छात्रों को न्यूनतम 32 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे जबकि सामान्य श्रेणी के छात्रों को 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे ।

हर साल स्कूली बच्चों के लिए आयोजित होती है परीक्षा
उल्लेखनीय है कि एनसीआरटी स्कूली बच्चों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हर साल प्रतिभा खोज परीक्षा का आयोजन करता है। इसकी शुरुआत 1963 में की गयी थी। उस समय केवल विज्ञान विषय के लिए कक्षा ग्यारह के छात्रों को दस छात्रवृत्तियां देने की व्यवस्था थी। 1964 में इस योजना का विस्तार कर 350 छात्रवृत्तियां देने का फैसला किया गया। पहले यह व्यवस्था सिर्फ दिल्ली तक सीमित थी।  इसके बाद 1976 में इस परीक्षा में दसवीं और 12 वीं के छात्रों को भी शामिल कर दिया गया और इसमें विज्ञान के अलावा अन्य विषय भी शामिल कर दिए गए। वर्ष 1976 में यह सुविधा 500 छात्रों के लिए कर दी गयी जबकि 1981 में इसे बढ़ाकर 550 करदिया गया जिसमें से 50 सीटें अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के लिए आरक्षित कर दी गयीं। 


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