पीएचडी में नकल और फर्जीवाड़े को पकड़ेगा सॉफ्टवेयर : सरकार
punjabkesari.in Thursday, Jul 19, 2018 - 06:54 PM (IST)
नई दिल्ली : पीएचडी और अन्य शोध कार्यों में नकल या सामग्री की चोरी करना अब भारी पड़ेगा। अगर शोध कार्य में नकल की गई तो यह तत्काल पकड़ में आ जाएगी। विभिन्न विषयों में शोधकार्य (पीएचडी) थीसिस में नकल को पकडऩे के लिये सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जायेगा। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि शोध पत्रों में नकल को पकडऩे के लिये सॉफ्टवेयर की मदद लेने की व्यवस्था की है। शोध जर्नल में नकल की समस्या के बारे में सवाल पर जावड़ेकर ने कहा ‘‘यह मामला संज्ञान में आया है, इसे रोकने के लिये हमने शोधकार्यों में नकल और चोरी को सॉफ्टवेयर की मदद से रोकने को अनिवार्य करने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि देश में मौजूद सभी 900 विश्वविद्यालयों से पीएचडी थीसिस में नकल को सॉफ्टवेयर से जांचने और पकडऩे को कहा गया है। जावड़ेकर ने कहा कि इससे थीसिस में कहीं से भी की गयी नकल को पकड़ा जा सकेगा।
सरकार द्वारा हाल ही में घोषित विशिष्ट संस्थानों की सूची में एक प्रस्तावित संस्थान को भी शामिल किये जाने से जुड़े पूरक प्रश्न के जवाब में जावड़ेकर ने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित जियो संस्थान को ‘ग्रीनफील्ड श्रेणी’ के तहत इस सूची में शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के तीन चिन्हित संस्थानों की सूची में ही इसका जिक्र किये जाने के कारण भ्रम पैदा हो गया। उन्होंने स्पष्ट किया ग्रीनफील्ड श्रेणी में उन संस्थानों को शामिल किया जाता है जो अभी प्रस्तावित हैं और इन्हें निजी क्षेत्र के सहयोग से स्थापित किया जाना है। अगले तीन साल में इसके दावे के मुताबिक किये गये प्रदर्शन की समीक्षा के बाद ही इसे यह तमगा मिल सकेगा।
भारत में विश्वस्तरीय छात्रों की मौजूदगी के बावजूद शिक्षकों की कमी और गुणवत्ता को सुधारने से जुड़े प्रश्न के जवाब में जावड़ेकर ने कहा कि दुनिया भर में कार्यरत श्रेष्ठतम भारतीय शिक्षकों को स्वदेश में शिक्षण कार्य में शामिल करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी आईआईटी मिलकर वैश्विक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती करेंगे। इसमें भारतीय मूल के श्रेष्ठ शिक्षकों को भारत में पढ़ाने और इस बावत सभी सुविधायें और अन्य जरूरी छूट देने की पहल की जायेगी।