स्कूली बच्चों की सुरक्षा: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान
punjabkesari.in Monday, Dec 10, 2018 - 11:01 AM (IST)
हिसार: हरियाणा के 20 हजार से ज्यादा स्कूलों में पढ़ रहे करीब 50 लाख बच्चों की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूली शिक्षा विभाग को लिखकर स्कूली बच्चों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिये हैं। गैर सरकारी संगठन स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेशाध्यक्ष बृजपाल परमार ने आज यहां बताया कि उनके संगठन ने इस बारे में एक शिकायत की थी जिस पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
आयोग ने शिक्षा विभाग को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए जिला एवं खंड स्तरीय सुरक्षा कमेटियों के गठन पर भी खास ध्यान दिया जाना चाहिए। आयोग के अनुसार बच्चों की सुरक्षा का मसला काफी अहम है और इसमें किसी तरह की कोई भी कोताही या लापरवाही किसी भी स्तर पर नहीं बरती जानी चाहिए।
आयोग ने यह भी हवाला दिया है कि एनसीपीसीआर एक्ट 2005 के नियम 13(1)जे के तहत संज्ञान लेकर बच्चों की सुरक्षा स बंधी पहलुओं पर तत्परता से कार्रवाई की जाए, क्योंकि इस शिकायत में अधिकारियों की निष्क्रियता सामने आई है, जिससे बच्चों को भी हानि हो सकती है।
हरियाणा में इस समय 22 हजार 787 सरकारी एवं निजी विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इनमें करीबन 50 लाख से अधिक विद्यार्थी कक्षा पहली से बारहवीं तक की कक्षाओं में अध्ययन कर रहे हैं। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि गुरुग्राम व रेवाड़ी के स्कूलों की घटनाओं के बावजूद लाखों स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभी तक सरकार ने कोई गंभीरता या संजीदगी नहीं दिखाई हैं। संगठन के अनुसार प्रदेश में स्कूलों के अंदर बच्चों के साथ हुए इस तरह के दिल दहला देने वाले हादसों ने अभिभावकों को पूरी तरह से तोड़कर रख दिया और व्यवस्था दुरस्त करने के नाम पर केवल उन्हीं जिलों में प्रशासन ने हादसों के बाद ही गंभीरता एवं तत्परता दिखाई, मगर अन्य जिलों में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए।