संघर्ष के बाद फिर स्कूल जा सकेंगे फिलिस्तीनी बच्चे

punjabkesari.in Tuesday, Jul 17, 2018 - 10:42 AM (IST)

खलात अलदाबी(वेस्ट बैंक):  फिलीस्तीनी शिक्षा मंत्रालय ने पश्चिम बैंक के एक बेडौइन गांव में जल्द ही स्कूल  शुरू करने का फैसला किया है। मंत्रालय का कहना है कि वह 170 प्राथमिक छात्रों के लिए स्कूल शुरू करके बच्चों को शिक्षा देने की कोशिश कर रहा है। स्कूल शुरु होते ही छात्रों ने सोमवार को आंगन में खड़े हे फिलीस्तीनी गान गाया। इस दौरान अधिकारियों ने भी भाग लिया।

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इज़राइल का दावा है कि जेरूशलेम के पूर्व में गांव अवैध रूप से बनाया गया था और निवासियों को 12 किलोमीटर, लगभग 7 मील दूर, निवासियों को पुनर्स्थापित करने की पेशकश की गई  लेकिन आलोचकों का कहना है कि फिलिस्तीनियों के लिए बिल्डिंग परमिट प्राप्त करना असंभव है और विध्वंस का मतलब इजरायल के निपटारे के लिए जगह बनाना है।

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स्मरण रहे इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष कारण एक स्कूल को ढहा दिया गया। इस घटना के बाद भड़की हिंसा से फिलिस्तीनियों और इजरायली सैनिकों के बीच संघर्ष शुरू हो गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खालेत अथाबा गांव में फिलिस्तीनी बच्चों के लिए पोर्टेबल इकाइयां स्कूल के रूप में काम कर रही थीं, जिसे एरिया सी में वहां से हटाने के लिए ट्रक के पीछे बांधकर बलपूर्वक खींचा गया। फिलिस्तीनियों ने स्कूल को हटाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण वहां मौजूद इजरायली सुरक्षा बलों के साथ उनका संघर्ष हुआ। 

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स्कूल में उस दौरान 13 बच्चे थे मौजूद
आपको बदा दें कि इजरायली सैनिकों द्वारा स्कूल को ढहाते देख बच्चों ने चिल्लाते हुए कहा कि हमारे पास शिक्षा का अधिकार है। बता दें कि जब इजरायल की ओर से स्कूल को ढहाया जा रहा था तब वहां पर 6 से 10 वर्ष के 13 बच्चे वहां मौजूद थे। इन्हें चार समूहों में पढ़ाया जाता है और इन बच्चों पर चार शिक्षक मौजूद थे। मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि जिस स्कूल को ढहाया गया वह एरिया सी में स्थित है जो कि इजरायल के नियंत्रण क्षेत्र में आता है। संयुक्त राष्ट्र मानवी समन्वयन कार्यालय की ओर से जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2018 के प्रथम 6 महीने में इजरायल ने कुल 197 फिलिस्तीनी ढांचों को ढहाया है और उस पर अपना कब्जा किया है।
 

गौरतलब है कि इससे पहले बीते महीने गाजा पट्टी पर इजरायली सैनिकों और फिलिस्तीनी नागरिकों के बीच जमकर संघर्ष हुआ था जिसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई थी तो हजारों लोग घायल हो गए थे। अमरीकी दूतावास को तेल अवीव से येरुशलम शिफ्ट किए जाने के विरोध में फिलिस्तीनी नागरिकों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। जिसके बाद इजारायली सैना और फिलिस्तीनी नागरिकों के बीच खूनी संघर्ष शुरू हो गया था। 


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Sonia Goswami

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