PFUCTO ने यूजीसी भंग करने का विरोध किया,सरकार के कदम पर आश्चर्य

punjabkesari.in Friday, Jun 29, 2018 - 09:19 AM (IST)

चंडीगढ़ (वार्ता) : पंजाब फैडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गनाइजेशन (PFUCTO) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 (यूजीसी एक्ट) को रद्द करने के केंद्र के प्रस्ताव का विरोध किया है।

 

केंद्र के प्रस्ताव के अनुसार यूजीसी के स्थान पर भारतीय उच्च शिक्षा आयोग बनाया जाएगा। पीएफयूसीटीओ ने केंद्र के कदम पर आश्चर्य भी जताया है क्योंकि अभी नौ जून को ही मानव संसाधन विभाग के लिए संसदीय स्थायी समिति ने यूजीसी के कार्य को लेकर सभी पक्षों से 24 जून तक फीडबैक मंगवाई थी। 

 

पीएफयूसीटीओ के महासचिव डॉ़ जगवंत सिंह के अनुसार यदि सरकार ने पहले से यूजीसी एक्ट को रद्द करने का मन बना लिया था तो संसदीय स्थायी समिति की कवायद की जरूरत क्या थी। उन्होंने कहा या क्या इसका अर्थ यह लगाया जाए कि सरकार में एक हाथ को पता नहीं कि दूसरा हाथ क्या कर रहा है।

 

उन्होंने कहा कि देश में उच्च शिक्षा के नियमीकरण के लिए बदलावों के इतने महत्वपूर्ण मामले पर राय देने के लिए चंद दिनों का समय दिया गया और फिर इस तरह जल्दबाजी में यूजीसी को भंग करने का मतलब समझ में नहीं आता। उन्होंने कहा कि यह एक बार फिर से उच्च शिक्षा सशक्तीकरण नियामक एजेंसी जैसी संस्था को लाने का प्रयास दिख रहा है जिसे विभिन्न पक्षों के भारी विरोध के कारण निरस्त किया गया था। 

 

श्री सिंह के अनुसार प्रस्तावित कानून एचईसीआई को उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता को बढ़ावा देने का अधिकार देता है पर एक तो स्वायत्तता अपने आप में विवादास्पद विषय है और दूसरी बात कि यह अजीब है कि स्वायत्तता को बढ़ावा देने के प्रयास में सरकार ‘स्वायत यूजीसी’ के सारे वित्तीय अधिकार मानव संसाधन मंत्रालय को दे रही है। यह यूजीसी के पास रह गई न्यूनतम वित्तीय स्वायत्तता भी छीनने जैसा है।  उन्होंने आरोप लगाया कि जल्दबाजी दर्शाती है कि सरकार निजी संस्थानों को असीमित ताकत देना चाहती है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Sonia Goswami

Recommended News

Related News