पिछले वर्ष स्कूल नहीं गये 35 लाख से अधिक शरणार्थी बच्चे

punjabkesari.in Friday, Sep 15, 2017 - 02:47 PM (IST)

नई दिल्ली : विश्व के कई हिस्सों में विभिन्न समुदायों के प्रति हिंसा की वजह से लगातार बढ़ रही शरणार्थी समस्या के कारण लाखों शरणार्थी बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हो रही है और गत शैक्षणिक वर्ष में ऐसे 35 लाख से अधिक बच्चे स्कूल नहीं गए। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) की कल जारी एक रिपोर्ट लेफ्ट बिहाइंड  रिफ्यूजी एजुकेशन इन क्राइसिस के मुताबिक यूएनएचसीआर के अंतर्गत अधिकृत कुल एक करोड़ 72 लाख शरणार्थी बच्चों में से 64 लाख बच्चे स्कूल जाने वाली उम्र (पांच से 17 साल) के हैं।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रैंडी ने एक बयान जारी कर कहा कि इन शरणार्थी बच्चों को शरण देने वाले देशों के शांतिपूर्ण और सतत विकास के लिए इनकी शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है और जब कभी भी वे स्वदेश लौटे तो वहां के विकास में भी अपना योगदान दे सके। श्री ग्रैंडी ने कहा कि दुनिया के अन्य बच्चों की तुलना में इन शरणार्थी बच्चों को शिक्षा एवं अन्य अवसर बहुत कम उपलब्ध हैं। 

यूएनएचसीआर के अनुसार दुनिया के कुल 91 प्रतिशत बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध है जबकि शरणार्थियों में यह आंकड़ा मात्र 61 प्रतिशत है और कम आय वाले देशों में यह 50 फीसदी से भी कम है। ये बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं, स्थितियां और बदतर होती जाती हैं। दुनिया भर में जहां 84 प्रतिशत बच्चों को माध्यमिक शिक्षा हासिल होती है वहीं महज नौ फीसदी शरणार्थी बच्चों को माध्यमिक शिक्षा मिल पाती है हालांकि कम आय वाले देश इस मामले में आगे हैं और वे अपने 28 प्रतिशत बच्चों को माध्यमिक शिक्षा देते हैं। श्री ग्रैंडी ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा को लेकर शरणार्थी लड़कों की अपेक्षा लड़कियों को बहुत कम अवसर उपलब्ध हैं। शरणार्थी लड़कों की तुलना में 80 प्रतिशत से भी कम लड़कियों को प्राथमिक शिक्षा मिलती है जबकि माध्यमिक शिक्षा के मामले में यह आंकड़ा 70 फीसदी भी नहीं है। 


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